मालेगांव रेलवे सेंट्रल कोविड अस्पताल की घटना, सीसीटीवी में पूरी घटना रिर्काड
जीएम ने तीन सदस्सीय जांच कमेटी बनाई, जांच के बाद दोषी पर होगी कार्रवाईः सीपीआरओ
स्थानीय थाने में प्राथिमकी दर्ज, दबंग नेता के खिलाफ कार्रवाई की मांग हुई तेज
न्यूज भारत, सिलीगुड़ीः पूर्व सीमांत रेलवे मुख्यालय मालेगांव के केन्द्रीय कोरोना हास्पिटल में दिनांक 3 सिंतबंर को शाम करीब पांच के आसपास रेलवे के इंप्लाइज यूनियन के नेता मुनींदर सैकिया ने अपने कुछ सहयोगियों के डियूटी पर तैनात विकलांग डा. मनीष सिंह (एडीएमओ) के साथ अस्पातल में मारपीट करने की घाटना प्रकाश में आया है। हलांकि इस संबंध में पूर्व सीमांत रेलवे के महाप्रबंधक संजीव रॉय ने तीन सदस्सीय कमेटी बनाकर जांच शुरू कराया है। वहीं पीडित डा. ने इस संबंध में स्थानीय थाना में एक मामला दर्ज कराकर उनके गिरफ्तारी की मांग भी की है। मिली जानकारी के अनुसार दिनांक 3 सितंबंर 20 को शाम करीब 3.30 बजे के आसपास डा. मनीष सिंह अपने दैनिक डियूटी पर तैनात थे। उसी दौरान इंप्लाइज यूनियन के नेता मनींदर सैकिया अपनी मां के इलाज के लिए हास्पीटल आए। डा. सिंह ने उनसे पूछा कि क्या काम है बोलिए, इतना पूछने पर वो भाड़क गए। बोलने लगे तुम मुझे जानते नहीं हो इसके बाद फोन करके कुछ लोगों को बुला जो मेरे साथ मारपीट करने की कोशिश की। इनता नहीं बार –बार उनके लोग मेज को धक्का देते रहे व मारने के लिए आगे बढ़ते रहे। सनद रहे डा. मनीष दोनों पैर से विकलांग है वह व्हील चेयर पर बैठकर अपनी डियूटी करते हैं। वहीं भाषा को भी लेकर लोगों ने उनके साथ गलत व्यवहार किया। इस घटना से आहत डा. सिंह ने स्थानीय थाने में ममला दर्ज कराते हुए महाप्रबंधक से न्याय की गुहार लगायी। इस बावत पूर्व् सीमांत रेलवे के मुख्यजनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) सुभानन चन्द्रा ने बताया कि इस मामले को लेकर तीन सदस्सीय जांच कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में चीफ पर्सनल अधिकारी, व मेडिकल निदेशक के साथ एक अन्य अधिकारी हैं। इनकी जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी पर उचित कार्यवाही की जाएगी। उधर, भाषा के आधार पर की गई टिप्पड़ी को लेकर स्थानीय व एनजेपी रेलकर्मचारियों में रोष है लोगों ने इंप्लाइज यूनियन के नेता मुनींदर सैकिया के खिलाफ कार्यवाही की मांग करते हुए कहा कि कोरोना संकट के दौरान कोरोना वॉरियर के साथ इस तरह की घटना निंदनीय है इसके साथ ही उचित कार्यवाही व कोरोना वॉरियर के साथ दुर्व्यहार के लिए आपदा प्रबंधन की धारा के तहत कार्यवाही की जानी चाहिए।