न्याय पाने के लिए दर दर भटक रहा पीड़ित, मामले की होगी जांच उचित होगी कार्यवाहीः उपजिलाधिकारी
राजेश सिंह, (कैड़ीराम) गोरखपुरः प्रशासन की मिली भगत का एक नायाब उदाहरण यह है कि मछली मारने के तालाब का पट्टे का समय पूरा होने से दो वर्ष पहले ही जालसाजों ने उक्त पीडित का नाम हटा कर अपने नाम से कराने का ममला सामने आया है। हलांकि मामला संज्ञान में आने के बाद प्रशासन ने जांच कर कार्यवाही करने की बात कही है। मालूम हो कि गोरखपुर जनपद के ग्राम भस्मा निवासिनी सोहावती देवी पत्नी जगदीश के नाम से पोखरी नम्बर 48ख रकबा 0. 336 हे0 का 12-4-2010 से 11-4-2020 तक के लिए मछली पालन करने लिए पट्टा हुआ था । जिसमे प्रार्थिनी मछली डालती रही और मारती रही दिनांक 13-8-2020 को उक्त पोखरी की नीलामी हेतु आवेदन आमंत्रित किया गया । लेकिन नीलामी की तिथि टालकर दिनांक 3-9-2020 रखा गया , आवेदिका तय तिथि पर बांसगांव कचहरी पहुंची बोली में भाग लेने के लिए आवेदन की तो पता चला कि उक्त पोखरी की नीलामी दिनांक 19-2-2018 को गलत तरीके से नियम के विरुद्ध आवंटन हो चुका है । मक्कर पुत्र परमेश्वर निवासी ग्राम भस्मा थाना बेलीपार के नाम से जो पूरी तरह से फर्जी व गलत है । बताते चलें कि जिस पोखरी का पट्टा 2020 में खत्म हो रहा है उस पोखरी का 2018 में कैसे हो गया । आवेदिक की अपूरणीय क्षति सम्भावित है जिसके सम्बन्ध में पीड़िता उच्चाधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है कि जांच कराकर विधिक व कानूनी कार्यवाही हो सके । इस सम्बंध में उपजिलाधिकारी बांसगांव ने बताया कि उक्त की मामले की जांच कराकर उचित कार्यवाही की जाएगी ।