घर हुए गुलज़ार पर सूनी हो गई बस्ती...

वैश्विक संकट, अब गांवों की ओर पांव पसारेगा जानलेवा कोरोना

महानगरों से पलायन, जीरो संक्रमण क्षेत्र की भी मुसीबत बढ़ी

गरीब मजदूरों के परिवारों पर टूटेगा अदृश्य बिमारी का पहाड़

पवन शुक्ल, सिलीगुड़ी: गांव की गलियों से शहरों की चकाचौंध में अपना और अपने परिवार की जीवनशैली बदलने की चाहत अब गांव के मजदूरों पर भारी पड़ रही है। रोजगार की तलाश में महानगरों की ओर रूख करने वाले युवा अब वैश्विक माहामारी कोरोना से संक्रमित हो कर अपने वतन लौट रहे हैं। क्योकि कोरोना का विस्तार महानगरों से ही हुआ है। अदृश्य बिमारी कोरोना पहले विदेशों से आने वालों लोग ही लाए और इसके बाद उसका फैलाव गरीब और मजदूरों के बीच हुआ, फिर ये महामारी का रूप ले लिया। आज भारत सहित दुनियां के तमाम देशों की दशा यही है। ‘’घर हुए गुलज़ार पर सूनी हो गई बस्ती, बस्ती-बस्ती कैद हो गई दुनियां की सारी हस्ती। महँगी हो गई जिंदगी आज, और सारे संसार की दौलत सस्ती ’’।

मालूम हो कि कोरोना से बचाव के लिए 22 मार्च से पूरे देश में अचानक लाकडाउन हो गया, हलांकि आवश्यक   सेवाओं को छोड़कर सभी दुकान, प्रतिष्ठा्न, फैक्‍ट्री, कोर्ट, सरकारी व अर्ध सरकारी कार्यालय को एतियात के तौर पर बंद कर दिया गया। प्रधानमंत्री ने सभी को जहां है वहीं रहने का अनुरोध भी किया। लेकिन राज्य सरकारों की उदासिनता के कारण मजदूरों में मौत का खौफ इस कदर हो गया कि किसी भी तरह अपनों के बीच पहुंचने के लिए बेताब हो गए।  कुछ राज्य सरकारें  मजदूरों को उनकी सुरक्षा का बिश्वास नहीं जगा सकी। वहीं उनके खाने-पीने और रहने की समुचित उपाय नहीं कर सकी, और हवा हवाई घोषणा करती रही , जिसके कारण गांव के गरीब मजदूरों का सब्र का बांध टूट गया और बिना शोशल डिस्‍टेंसिंग के भेड़ बकरियों की तरह अपने वतन को निकल पड़े। हलांकि उनके जांच और स्क्रीनिंग की व्यवस्था तो की गई, परंतु बिमारी अदृश्य होने के कारण तुरंत पता नहीं चलता और अपने वतन आने के बाद वह संक्रमित हो रहे है, तब तक वह कई और लोगों के संपर्क में हो जाते। कमोवेश सिलीगुड़ी शहर भी इसी से संक्रमण का शिकार हुआ है। कल तक जीरो कोरोना संक्रमित क्षेत्र होने के बावजूद आज पांच संक्रमित की शिनाख्त हो चुकी है। शनिवार को सिलीगुड़ी वार्ड नंबर 4 इलाके के एक निवासी में  कोरोना संक्रमण पाया गया है जिसका ट्रैवेल हिस्ट्री है। जिला स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि दिल्ली में रहने के दौरान संक्रमित का परिक्षण किया गया था। लेकिन तत्त्काल रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण वह अपने घर आ गया। इसकी सूचना मिलते ही उक्त युवक को माटीगाड़ा अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रशासन उन सभी लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रहा है जो उसके संपर्क में आए थे।