शुशील मित्रुका ने लगाया पार्टनर पर जबरदस्ती बगान हड़पने का आरोप
आरोप बेबुनियाद, बागान में 50 प्रतिशत का हूं पार्टनरः काजल सरकार
बाजार में चाय के मूल्य की तेजी को लोग मान रहे हैं विवाद की जड़
पार्टनरशिप में चल रहा था चाय बागन, कोरोन के बाद उभारा विवाद
न्यूज भारत, सिलीगुड़ीः जलपाईगुड़ी के हल्दीबाड़ी टी मैन्यूफैक्चचर टी स्टेट को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का मामला मिडिया में पत्रकार वार्ता में पार्टनरशिप का विवाद सामने आया है। प्रत्रकार वार्ता में शुशील मित्रुका के कहा कि हल्दीबाड़ी टी स्टेट प्लांटेशन को 11 नवंबर 2019 से यह गार्डन कोलकाताके बाजोरिया ग्रुप से लिया गया। जिसे 1 जनवरी 2020 से हल्दीबाड़ी टी मैन्यूफैक्चचर (एलएलपी) के नाम हस्तानान्तरण हुआ।
श्री मित्रुका के एडोकेट अजय सिंहल ने बताया कि पार्टनर के रूप में काजल सरकार को रखा गया। अधिवक्ता ने बताया कि पैसे की कमी के कारण बागान चलाने में परेशानी हो रही है, बार-बार कहा गया। जब उन्होंने कोर्इ पैसा नहीं दिया तो पार्टनरशिप से निकाल दिया। अधिवक्ता ने बताया कि पार्टनरशिप से हटाने के बाद श्री सरकार अपने पावर का इस्तेमाल करके मारने पीटने की धमकी देते रहे है। इसके अलावा कर्इ प्राथिमकी भी दर्ज कराया। परंतु पावर होने के कारण पुलिस उनकी बात ही बात कर रही है। जबकि हमारे क्लाइंट को जान का खतरा है, परंतु कोर्इ उचित कार्यवाही नहीं हो रही है। पत्रकार वार्ता में मित्रुका ने बताया एलएलपी में को 31 जनवरी 2020 को पार्टनर बनाया था, तुरंत 1 करोड पेमेंट करने की बात थी। बार-बार कहने पर जब पेमेंट नहीं आया तो 9-7 को पत्र दिया। जब पैसा नहीं दिया तो फिर 22-7 को पार्टनर से निकाल दिया। इसके बाद श्री सरकार ने बार-बार धामकी दी कि तुम बगान छोड़ कर चले जाइए। इस वावत कर्इ तरह के आरोप लगाया हम सब कुछ हैं कुछ भी कर सकते हैं। सरकार व प्रशासन से अनुरोध है कि मुझे मेरा बागान न्याय दिलाया जाय।इस आरोप के बावत श्री मित्रुका के पार्टन काजल सरकार ने कहा कि श्री मित्रुका मेरे पार्टनर आज भी हैं। उनके द्वारा लगाया गया आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है। सबसे अहम बात यह है कि आज भी हम एलएलपी के 50 प्रतिशत के पार्टनर है।
दूसरी तरफ मुझे इस प्रकार की कोर्इ जानकारी भी नहीं है। इसके साथ श्री मित्रुका इस मामले को लेकर स्वंय कोर्ट में गए है। इस लिए इसमें किसी भी प्रकार की टिप्पड़ी करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि मामला सब चाय के मूल्य बढ़ने का है। कोरोना संकट के दौरान श्री मित्रुका चाय बगान देखने तक नहीं गए, इसका प्रमुख कारण था, चाय के मूल्य में गिरावट था। इसके साथ ही कर्इ प्रकार के मामले समने आए हैं, जिसके बाद हम चाय बगान में जाना शुरु किया। जब जाना शुरू किया तो इनके खेल का पता चला। चाय को कम मूल्य में बेचकर बागान को घाटे में लाना चाहते है। इधर जब कोरोना संकट के बादल छंटने के बाद जब चाय मूल्य में तेजी आर्इ तो मेरे पार्टनर को एलएलपी नजर आने लगा। इनके द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार है, अगर कागज में सही हैं तो मामला कोर्ट में जो फैसला कोर्ट का होगा मुझे भी मान्य होगा। परंतु इनके लगाए आरोप से आहत हूं, दोस्ती में मैने सब कुछ उनके उपर पहले से छोड़ दिया था। मैं बागन खारीदने से लेकर आज तक साथ हूं, क्योंकि 50-50 का पार्टनर हूं। उधर बाजार से मिली जानकारी के अनुसार दोनों लोग 50-50 के पार्टनर जो कि कंपनी आफ रजिस्टर के यहां दर्ज है, वहीं पार्टनरशिप डीड भी 50-50 पार्टनरशिप का है। इसके अलावा बाजार में जब चाय के मूल्य में तेजी आर्इ है तो यहीं कारण है पार्टनरशिप में दरार का।