वर्चस्व की लड़ार्इ एक गजराज ने जान गवांर्इ

विन्नागुड़ी में रविवार से दो हाथियों के बची शुरु हुर्इ थी लडार्इ एक की मौत
दिनेश तिवारी, बिन्नागुड़ीः
बिन्नागुड़ी चाय बगान में रविवार की रात में दो नर हाथीयों के बीच हुए संर्घष में एक नर हाथी की मौत हो गर्इ। मृतक हाथी का शव आर्मी कैंप के टट्टू ग्राउंड में मिला। जिसकी सूचना सेना पुलिस ने वन विभाग को दी है। मिली जानकारी के घटना रविवार की रात्रि 9:00 बजे से शुरू हुआ जो सुबह 4:00 बजे तक चलता रहा। हाथियों की चीत्कार बिन्नागुड़ी चाय बगान के लोग सुनते रहे। जबकि रात के अंधेरे में दोनों गजराज लड़ते रहे वही सेंड छावनी मैं जाकर एक गजराज पेड़ के नीचे घायल होकर गिर पड़ा और वही उसकी मौत हो गई। सबेरे सेना के जवान इसकी सूचना वन विभाग अधिकारियों को दी। सूचना के आधार पर वन कर्मी मृत हाथी को ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। मालूम हो कि रेती फारेस्ट में हाथियों का बहुत बड़ा दल रहता है। जिसमें एक दतैंल हाथी भी  है जो बिना दांत वाले हाथियों से अलग रहता है। रविवार को भी दो नर हाथी अपस में भिड़े जिसमें एक दतैल हाथी था। पूरी रात दोनों के बीच बर्चस्व को लेकर लड़ार्इ होती रही। इस लड़ार्इ के दौरान दतैल हाथी ने अपने दांत से सामने वाले हाथी के पेट पर वार करते हुए अपने दांत को उसके पेट में घुसा दिया। जिससे उसकी आंत बाहर निकल गर्इ। घायल अवस्था में हाथी अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागता रहा। लेकिन अंत में वह सेना के सेंड छावनी के मैदान में एक पेड़ के पास गिर गया जहां उसकी मौत हो गर्इ। घटना की सूचना सेनापुलिस ने वन विभाग को दे दी।   बताते चलें कि बिन्नागुड़ी के आसपास के क्षेत्रों में आए दिन हथियों का तांडव देखाने को मिलता है। कभी कभी तो दिन के उजाले में ही चाय बगान समेत अन्य क्षेत्रों में देखे जाते है। वहीं सेना के छावनी क्षेत्र में भी हाथियों काउत्पात होता है। हलांकि सेना अपने क्षेत्र को बाउंड्रीवाल करना चाहती है, लेकिन वन विभाग ने इसकी अनुमति नहीं दी। जिसके कारण आए दिन हाथियों का दल सेनाकैंप में घुस कर उत्पात मचाने की भी खबर आती रहती है।