कोरोना नहीं रोक सका बहनों के प्यार, हाथों की कलार्इयां नहीं रही सूनी
चौक-चौराहों पर बांधी गर्इ राखी, कार्यालयों में भी मिला बहनों से प्यार
न्यूज भारत, सिलीगुड़ीः कलार्इयों पर रखी बंधाने की तड़फ, एक हसीन संपना होता है। बचपन उपहार के लिए लड़ना, क्या अनोखा संयोग होता है। हलांकि उस लडार्इ में जो प्यार दिखाता है, उसे भूल पाना संभव नहीं होता। रखी के लिए भार्इ की सूनी कलार्इ एक साल इंतजार करती, तो उस कलार्इ पर बंधाने की हसरत भी बहन एक साल तक संजोती है। बहन-भार्इ के प्यार ने उस कोरोना को भी मात दे दिया। इसलिए बंधन को डोर के साथ दिलों से बाध कर अपनी परंपरा का निर्वहन कर रही है। कारोना के बढ़ते संक्रमण के बीच सिलीगुड़ी में रक्षा बंधन का पर्व मनाया जा रहा है। एक तरफ जहां बहनें अपने घर में रखी बांध कर काम पर निनकली तो सामने पड़ी सूनी कलार्इयों पर रक्षा बंध कर अपना फर्ज निभाया। सबसे अहम बात यह रही कि कोरोना संक्रमण के लिए बने कंट्रोल रूम में जहां दिनरात काम कर रहे लोगों ने भी आज के इस पर्व को मनाने में नहीं चूके। हलांकि अपने घर नहीं जा पाने का दर्द तो है पर डोर के प्यार की रफ्तार को कम नहीं होने दिया। राम मोहन राय में दार्जिलिंग जिला कोविड-19 कंट्रोल कक्ष में सभी ने अपने अफसर, सहयोगियों के साथ रक्षाबंधन के पर्व को मनाया। वहनों नने रखी बांधाकर मिठार्इ खिलाया तो अधिकारियों ने उपहार देकर उनका मान बढ़ाया। इसी प्रकार वेनस मोड़ पर कर्इ संस्था की बहनों ने आने-जाने वालों की सूनी कलार्इयों को सजा कर आगे जाने देती हैं। वेनस मोड पर हर रिक्सा, टोटो को रोक डोर की रस्म अदायगी को पूरा करने का सिलसिला सुबह से ही चल रहा है।