केंद्रीय भाजपा नेताओं से इस मुद्दे पर खुलकर बातचीत की संतोष जनक
न्यूज भारत, सिलीगुड़ीः पहाड़ के लोग भाजपा पर विश्वास करते हैं इसलिए हिल्स के लोगों को भाजपा स्थायी समाधान क्या देना चाहती है। इस बात का खुलासा भाजपा को करना ही होगा। इस मुद्दे को लेकर दिल्ली में भाजपा नेताओं के साथ बैठक की गर्इ है। उक्त बातें राष्ट्रीय गोरखा मुक्ति मोर्चा (जीएनएलएफ) सुप्रीमों व संस्थापक दिवंगत सुभाष घीसिंग के पुत्र मन घीसिंग ने गुरुवार को बागडोगरा एयरपोर्ट पोर्ट पर पत्रकारों से कही। उनके साथ पार्टी महासचिव महेंद्र क्षेत्री भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि हम दिल्ली में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप सिंह, दार्जिलंग सांसद राजू बिष्ट तथा केंद्रीय भाजपा नेताओं से इस मुद्दे पर खुलकर बातचीत की जो संतोष जनक रहा। श्री मन ने कहा कि पहाड़ पर गोरखाओं के स्थायी समाधान को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। वहीं भाजपा पर लोग पूरी तरह विश्वास करते है। उसका सबसे बड़ा कारण भाजपा के संकल्प पत्र में लिखी बातें एक-एक कर सच होते देखना चाहते हैं पहाड़ के लोग। उन्होनें बताया कि जीएनएलएफ के संस्थापक दिवंगत सुभाष घीसिंग ने कहा कि 113 वर्षो की मांग गोरखालैंड की आज भी हिल्स के लोगों का सपना है। राज्य व केंद्र भाजपा नेतृत्व को स्पष्ट कहा गया है कि वे भाजपा के साथ हिल्स की सभी पार्टियों के साथ बैठक कर इस मुद्दे पर बात करे। उन्होंने कहा कि 2021 से पहले भाजपा की केंद्र सरकार स्पष्ट कर दे कि वह पहाड़ के लिए क्या समाधान निकाला है। णक सवाल के जवाब में मन घीसिंग ने कहा कि यह आंदोलन तो खत्म नही हुआ।
1986 के बाद 2017 में एक बार इसको लेकर हिंसक आंदोलन सामने आया। मेरी पार्टी के नेता मेरे पिता जी ने छठी अनुसूची में इसे शामिल करने की मांग की थी, जो आज भी प्रस्ताव पेंडिंग है। कोरोना महामारी को लेकर कोई भी आंदोलन नही हो रहा है। शोसल मीडिया और वर्चुअल रैली के माध्यम से अपनी मांग को जनता के बीच ले जाया जाएगा। उन्होंने त्रिपक्षीय वार्ता को लेकर कहा कि इस प्रकार का कोई प्रस्ताव केंद्र सरकार ने अधिकारिक तौर पर नहीं दिया है। हिल्स के लोगों में भ्रम की स्थित नही रहें इसके लिए मेरे पार्टी की ओर से यह प्रयास किया गया है। 2009 से हिल्स के साथ गोरखा समाज भाजपा को अपना पूरा समर्थन दे रहे है। आगे भी समर्थन देते रहे इसके लिए जरूरी है भाजपा जनता के बीच सभी बातों को पर्दा से उठा दे । जबकि दार्जिलिंग सांसद राजू बिष्ट पहले ही कह चुके है कि जीटीए, दागोपाप और छठी अनुसूची स्थायी समाधान नहीं है।