छत्रधर राज्य कमेटी में, तो क्रिकेटर लक्ष्मी रतन को हावड़ा की जिम्मेदारी
दक्षिण दिनाजपुर में अध्यक्ष पद से अर्पिता घोष को हटाया, गौतम दास को जिम्मेदारी
2021 विधान चुनाव से पहले ममता ने पार्टी संगठन में किया बड़ा फेरबदल
न्यूज भारत, कोलकाता : कोरोना संकट के बीच बंगाल में पहले भाजपा ने वर्चुअल रैली कर 2021 में होने वाले चुनाव का बिगुल फूंका दिया। तो वहीं बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने भी भाजपा से एक कदम आगे बढ़ते हुए 2021 के चुनाव में संगठन को भाजपा से 21 होने के लिए राज्य स्तर पर पार्टी में बड़ा फेरबदल करते हुए छत्रधर महतो को राज्य कमेटी में शामिल किया है। वहीं हाबड़ा में हिंदीभाषी और क्रिकेटर लक्ष्मी रमन शुक्ल को हाबड़ा की कमान सौंपते हुए राज्य में कई फेरबदल किया है। वहीं संगठन के सूत्रों की माने तो ममता ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ वर्चुअल बैठक के दौरान नए नामों का ऐलान किया। 2121 में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए तृणमूल कांग्रेस सुप्रिमों ममता बनर्जी ने गुरुवार को पार्टी संगठन में बड़े पैमाने पर फेरबदल करने की घोषणा करते हुए 21 सदस्यों की एक नई प्रदेश कोऑर्डिनेशन कमेटी गठित किया। इसके साथ ही सात सदस्यीय एक कोर कमेटी गठित करने के साथ कई जिलों के पार्टी जिलाध्यक्षों को हटाकर युवा और नये चेहरों को जिम्मेदारी सौंपी है। सबसे अहम बात यह है कि तृणमूल की 40 सदस्यीय नई राज्य कमेटी में कथित तौर पर माओवादी नेता व बहुचर्चित लालगढ़ आंदोलन के अगुआ रहे छत्रधर महतो को भी शामिल किया गया है। जंगलमहल क्षेत्र में नक्सल आंदोलन के दौरान सक्रिय रहे महतो 10 वर्षों तक जेल की सजा काटने के बाद इसी साल फरवरी में रिहा हुए हैं। तत्कालीन मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के काफिले पर शालबनी में हुए माओवादी हमले के आरोप में 2009 में महतो को गिरफ्तार किया गया था। महतो के खिलाफ यूएपीए जैसी संगीन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। वहीं ज्ञानेश्वरी ट्रेन दुर्घटना में भी उनका नाम था, इस घटना में जिसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे। छत्रधर महतो माओवादियों के प्रमुख संगठन पुलिस संत्रास विरोधी जनसाधारण कमेटी के भी प्रमुख रहे हैं। माना जा रहा है कि जंगलमहल इलाके में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए तृणमूल ने उन्हें राज्य कमेटी में बतौर सचिव शामिल किया है। वहीं जंगलमहल के क्षेत्र में महतो की अच्छी पैठ मानी जाती है। दरअसल इलाके में कुछ वर्षों में भाजपा ने मजबूत स्थिति की है और 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने यहां की अधिकतर सीटें जीत दर्ज की थी। भाजपा की इसी चुनौती कड़ी टक्कर देने के लिए छत्रधर को संगठन में शामिल करना बड़ा कदम है। बताते चलें कि छत्रधर के साथ ममता की नजदीकी कोई नई बात नहीं है। 2019 में गिरफ्तारी से पहले जंगलमहल इलाके में छत्रधर के साथ ममता बाइक पर बैठकर चुनाव प्रचार करते हुए भी देखी गई थी। वहीं, जेल से रिहा होने के बाद छत्रधर ने कहा था कि वह ममता बनर्जी पर विश्वास रखकर आगे की लड़ाई जारी रखेंगे। राज्य कमेटी में कुछ और नए चेहरों को जगह दी गई है जिनमें छत्रधर के अलावा जंगलमहल क्षेत्र के कुछ और नेता शामिल हैं। इसके अलावा ममता ने हावड़ा, कूचबिहार, पुरूलिया, नदिया, झाड़ग्राम और दक्षिण दिनाजपुर सहित कई जिलों में पार्टी अध्यक्षों को हटाकर नये एवं युवा चेहरों को मौका दिया गया है। इनमें हावड़ा सदर में पिछले कई वर्षों से जिला अध्यक्ष पद पर काबिज वरिष्ठ नेता व मंत्री अरूप राय को हटाकर उनके स्थान पर पूर्व क्रिकेटर व खेल राज्य मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ल को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। शुक्ल हिंदी भाषी चेहरे हैं और इसके जरिए हिंदी भाषी वोटरों को साधने की कोशिश की है। जबकि नदिया जिले की जिम्मेदारी तृणमूल सांसद युवा नेता महुआ मोइत्रा को दी गई है। दक्षिण दिनाजपुर जिला अध्यक्ष के पद से राज्यसभा सदस्य अर्पिता घोष को हटा कर गौतम दास को जिम्मेदारी दी गई है। इसी तरह बांकुरा में श्यामल संतरा, पुरुलिया में गुरुपद टूडू, कूचबिहार में पार्थ प्रतिम राय, झारग्राम में दुलाल मुर्मू को अध्यक्ष बनाया गया है।