बेहतर खान-पान ही बढ़ाएगा रोग प्रतिरोधक क्षमता

खाने में वटामिन मिनरल का होना जरूरी

इम्युनिटी विस्तार ही कोरोना को दे सकता है मातः डा. अनिता साह

पवन शुक्ल, सिलीगुड़ीः प्रतिरक्षा प्रणाली जैविक संस्थाओं (कोशिकाओं, ऊतक, अंगों और प्रक्रियाओं का सृजन प्रतिरक्षा सहिष्णुता का एक जटिल जमाव है) जो आंतरिक और बाहरी खतरे से अंगों की अखंडता की रक्षा करती है। इसमें सूक्ष्म जीव बैक्टीरिया वायरस परजीवी शामिल होते हैं। जिनमें विषाक्त उत्पाद एक्सोटॉक्सिन, एंडोटॉक्सिन एंजाइम हवा से पैदा होने वाली एलर्जी आंतरिक खतरा होता है। प्रतिरक्षा प्रणाली आहार प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामीन मिनरल  और साथ ही सूक्ष्म पोषक तत्वों के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।  जो रक्त कोशिकाओं में व्यवस्थित रूप से प्रतिरक्षा कोशिकाओं बेहतर बनाते हैं। इसलिए आज के दौर में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए हमें अपने आप को कोविड-19 से लड़ने के लिए खान-पान को संतुलित व पौष्टिक लेते हैं तो इम्युनिटी विस्तार और कोरोना से लड़ने में सहायक होगा। उक्त बातें उत्तर बंगाल की  क्निकल डाइटीशियन डा.  अनीता साह ने कही।  उन्होनें बताया कि जरूरी नहीं सभी भोजन या फल एक समान काम करते हैं। उनका अलग-अलग प्रभाव व  होता है। एसे में शरीर की कोशिकोआं को जब जो  जरूरी हो वही प्रयोग करें। विटामीन ए, बी,सी,डी, आयरन, फोलिक एसिड और फार्इबर की मात्रा को ध्यान में रखकर ही प्रयोग करें।

डा. साह ने बताया कि वटामीन “ए” में रंगीन फल व सब्जियां आती है। जैसे टमाटर, गाजर, चुकरकंद, अंकुरित मूंग, अंडा, आदि। वहीं विटामीन “बी” हरी साग सब्जी, दाल, टमाटर, चना, राजमा, मीट व उसकी कलेजी, आदि। जबिक विटामीन “सी”  में आंवला, अमरूद, कैप्सीकाम, मौसमी और टमाटर प्रमुख है। विटामीन “डी” में प्रमुख रूप से धूप है, लिकन इसके अलावा अंडा, रागी, तील व अखरोट  भी है। अगर हम विटामीन “र्इ” की बात करें तो इसमें पिस्त, बादाम, पालक का साग,सूर्यमुखी का बीज व तीसी प्रमुख है। जबकि आेमेगा फैटी एसीड जो इम्युनिटी के लिए बेहतर है इसके लिए हमें तीसी, अखारोट, मैक्रेल, टूना  आदी है। हम वैसे अपने किचन में हल्दी, अदरक, दालचीनी, लहसुन, तुलसी और पुदीना का प्रयोग करते हैं। लेकिन आज के दौर में इसका प्रयोग निरंतर करें। जिससे इम्युनिटी बढ़ेगा और कोविड-19 से लड़ने में सहायक होगा।   वहीं, प्रति व्यक्ति 450-500 ताजे फल सब्जियों का सेवन सुनिश्चित करें क्योंकि स्थानीय स्तर पर उत्पादित और मौसमी उपलब्ध है। फलों के रस और कार्बोनेटेड ड्रिंक से बचें, ये पोषण में खराब होते हैं। रिफाइन अनाज के बजाय पूरे अनाज को प्राथमिकता देते हैं!