कोरोना से घबराएं नहीं सावधानी बरतें

गर्भवती महिलांए अपने जांच को रखें नियमितः डा. तमामी चौधरी
न्यूज भारत, सिलीगुड़ीः कोविड महामारी ने सभी को चिंतित कर दिया है। इस वायरस से जहां हर आम व खास प्रभावित है। वहीं खासकर गर्भावती महिलाओं इससे बचाव की सावधानियां बरतनी बहुत जरूरी है। इस बीमारी से गर्भवती महिलाएं भी काफी चिंतित रहती हैं। जिसके कारण उनकी रातों की नींद हराम हो रही हैं। आमतौर पर गर्भधारण से किसी को कोविड-19 संक्रमण होने की संभावना नहीं बढ़ जाती है, लेकिन गर्भावस्था में गर्भावती महिलाओं को  विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस संर्दभा में प्रख्यात स्त्री एंव प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा. तमामी चौधारी ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान होने वाले सभी चेकअप नियमित समय पर करें। जैसे ही प्रेगनेंसी पता चले तो एक अल्ट्रा साउंड कराना चाहिए। इसे डेटिंग स्कैन कहते हैं, 12 से 13 सप्ताह में NT स्कैन होना चाहिए, 18 से 20 सप्ताह में लेबल 2 अल्ट्रा साउंड होना चाहिए जो कि बच्चे में जन्मगत बीमारी देखने के लिए होताहै, और अंत में 32 सप्ताह में एक अल्ट्रा साउंड के साथ रक्त जांच भी कराना चाहिए।
डा. तममी चौधारी ने कहा कि कोरोना को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। गर्भावस्था में सावधानी बरतनी आवश्यक है। सावधानियों के साथ नियमों को पालन करने की जरूत है।
उन्होंने कहा कि गर्भावती महिलाएं अगर हो सके तो बेहतर मास्क हमेशा लगाएं। वहीं घर में भी सामाजिक दूरी का पालन अवश्य करें। बार-बार हाथ को साबुन से धोएं और सेनेटराइजर को प्रयोग करें।  बाहर निकले निकलने पर प्रत्येक 20 से 30 मिनट के अंतराल पर सेनेटराइजर का प्रयोग करते रहें, इसका कोर्इ साइड इफेक्ट नहीं है। वहीं सांस संबंधी किसी भी बिमारी को नजर अंदाज ना करें, अगर समस्या है तो डाक्टर से सलाह लें।  
डा. तमामी चौधारी ने सबसे अहम बात यह बतायी की सभी के लिए अगर बाहर जाते हैं, तो घर आने के बाद जूते घर के बाहर रखें। पहने हुए कपड़े को तुरंत उतार कर सावधानी से हाथ धोकर ही घर की किसी वस्तु को छुएं नहीं ।
वहीं अगर जो कोरोना संक्रमित है सेल्फ आइसोलेट है तो वे  पल्स आक्सीमीटर से अपना आक्सीजन चेक करते रहें। अगर आक्सीजन लेबल 94  से नीचे है और आक्सीजन लेबल तेजी से कम हो रहा है, तो तुरंत डाक्टर की सलाह लें।