एमएमएमयूटी के 32वीं वित्त समिति बैठक में 125 करोड़ के बजट को मिली मंजूरी

• उच्च शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा एमटेक फीस में कटौती और पीएचडी फेलोशिप में बढ़ोतरी

• शोध व नवाचार को प्रोत्साहन 20 करोड़ से अधिक की लागत से नई प्रयोगशालाएं स्थापित होंगी

एनई न्यूज भारत,गोरखपुर|9 जून: मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी), गोरखपुर की 32वीं वित्त समिति की बैठक आज अटल भवन स्थित बैठक कक्ष में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. जे. पी. सैनी ने की, जबकि वित्त नियंत्रक श्री अशोक कुमार सिंह ने बैठक का एजेंडा प्रस्तुत किया। कुलसचिव श्री चंद्र प्रकाश प्रियदर्शी समेत अन्य सदस्य भी बैठक में उपस्थित रहे।

बैठक में विश्वविद्यालय के शैक्षणिक, अनुसंधान और बुनियादी ढांचे के विकास से जुड़े कई अहम प्रस्तावों को स्वीकृति मिली। प्रमुख निर्णयों में एमटेक पाठ्यक्रम की फीस में 60% तक की कटौती शामिल है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही, पीएचडी शोधार्थियों की फेलोशिप को ₹15,000 से बढ़ाकर ₹18,000 प्रति माह करने का निर्णय लिया गया।

नवीन पाठ्यक्रमों के लिए शुल्क संरचना स्वीकृत

नए शैक्षणिक सत्र से प्रारंभ होने वाले चार वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (ITEP) की फीस को बीबीए के बराबर निर्धारित किया गया है। छात्रावासियों के लिए प्रथम सेमेस्टर की फीस ₹80,000 तथा उसके बाद ₹72,000 प्रति सेमेस्टर होगी। वहीं, बाहरी छात्रों के लिए फीस क्रमशः ₹82,500 और ₹74,500 तय की गई है।

प्रयोगशालाओं और शोध सुविधाओं के लिए 20 करोड़ से अधिक की स्वीकृति

विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में आधुनिक प्रयोगशालाओं की स्थापना और उन्नयन हेतु 20 करोड़ रुपए से अधिक की राशि स्वीकृत की गई। इसमें कंप्यूटर साइंस विभाग के लिए ऑगमेंटेड रियलिटी, डिजिटल ट्विन, साइबर फॉरेंसिक्स, और एज लैब जैसी प्रयोगशालाएं शामिल हैं।

• मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग: ₹5.91 करोड़

• इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन: ₹1.20 करोड़

• इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग: ₹77.83 लाख

• आईटी व कंप्यूटर एप्लीकेशन: ₹51 लाख

• भौतिकी, फार्मेसी, मानविकी विभाग: ₹1.58 करोड़

फार्मेसी व केमिकल इंजीनियरिंग विभाग में फूड एंड ड्रग टेक्नोलॉजी सेंटर के लिए ₹1.15 करोड़ मंजूर किए गए, जिनमें से ₹1 करोड़ शासन को प्रस्तावित किया जाएगा।

अन्य प्रमुख स्वीकृतियां

नव नियुक्त शिक्षकों के लिए लैपटॉप, प्रिंटर एवं फर्नीचर हेतु ₹1.60 करोड़

परीक्षा नियंत्रक कार्यालय हेतु उपकरण क्रय के लिए ₹20 लाख

काउंसलिंग व्यय को भी स्वीकृति प्रदान की गई।

बैठक में वित्तीय वर्ष 2024-25 के खातों की समीक्षा की गई तथा ₹125 करोड़ के कुल बजट को स्वीकृति मिली। इसमें से ₹21 करोड़ अनुसंधान व परामर्श के लिए प्रयोगशालाओं की स्थापना पर खर्च किए जाएंगे, जो कुल बजट का 16.5% है।

यह निर्णय विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता, शोधक्षमता और बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।