एमएमएमयूटी ने एम.टेक की फीस आधी की, पीएचडी फेलोशिप में बढ़ोतरी

• शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू होंगे नए शुल्क और फेलोशिप दरें

• एम.टेक की फीस में 50% तक की कटौती, अब पढ़ाई होगी और सस्ती

• पीएचडी छात्रों की फेलोशिप ₹18,000 प्रतिमाह, शोध प्रकाशन पर मिलेगा अतिरिक्त लाभ

एनई न्यूज भारत,गोरखपुर: मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) ने इंजीनियरिंग के स्नातकों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया है। विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 से एम.टेक पाठ्यक्रम की फीस में लगभग 50% तक की कमी करने का फैसला लिया है। साथ ही पीएचडी शोधार्थियों की फेलोशिप भी ₹18,000 प्रतिमाह कर दी गई है।

इस प्रस्ताव को हाल ही में कुलपति प्रो. जे. पी. सैनी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई विद्या परिषद् की 38वीं बैठक में स्वीकृति दी गई है। अब इसे अंतिम अनुमोदन के लिए वित्त समिति की आगामी बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। अनुमोदन मिलने के बाद ये बदलाव आगामी सत्र से प्रभावी होंगे।

एम.टेक की नई शुल्क संरचना

पिछले वर्षों में एम.टेक पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों की घटती रुचि को देखते हुए विश्वविद्यालय ने फीस में कटौती का निर्णय लिया। पहले जहां छात्रावासियों के लिए वार्षिक फीस ₹1,20,000 थी, वहीं अब यह घटाकर प्रथम सेमेस्टर में ₹23,500 और द्वितीय से ₹18,500 कर दी गई है। वहीं कैंपस के बाहर रहने वाले छात्रों के लिए पहले सेमेस्टर में ₹24,750 और द्वितीय से ₹19,750 शुल्क देय होंगे।

इसमें शिक्षण शुल्क मात्र ₹10,000 प्रति सेमेस्टर रखा गया है। यह कटौती कई आईआईटी की तुलना में भी कम है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को काफी राहत मिलेगी।

पीएचडी फेलोशिप में बढ़ोतरी

शोध को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय ने पीएचडी छात्रों की फेलोशिप भी बढ़ा दी है। वर्ष 2023-24 तक फेलोशिप ₹12,500 थी, जिसे 2024-25 में ₹15,000 किया गया था। अब इसे बढ़ाकर ₹18,000 प्रतिमाह कर दिया गया है। यह फेलोशिप अधिकतम तीन वर्षों तक दी जाएगी। चौथे वर्ष में फेलोशिप केवल उन्हें मिलेगी जिनका कम से कम एक शोधपत्र SCI, SCIE या SSCI जर्नल्स में प्रकाशित हुआ हो।

समिति की संस्तुति के आधार पर हुआ निर्णय

विश्वविद्यालय द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति — प्रो. जीउत सिंह, प्रो. वी. के. द्विवेदी और प्रो. प्रभाकर तिवारी — ने एम.टेक में घटते दाखिले और फीस संरचना की समीक्षा के बाद फीस में कमी की सिफारिश की थी। समिति ने यह भी बताया कि छात्रों को एम.टेक के बाद प्लेसमेंट में विशेष लाभ नहीं मिलता और अधिकांश को बी.टेक के आधार पर ही नौकरी मिल जाती है।

बिना अतिरिक्त बोझ के हुई व्यवस्था

विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि इन बदलावों को बिना किसी अतिरिक्त शुल्क वृद्धि के आंतरिक बजट पुनः संरचना द्वारा लागू किया जाएगा।

यह निर्णय उच्च शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण शोध को बढ़ावा देने और अधिक छात्रों को परास्नातक व शोध कार्यक्रमों की ओर आकर्षित करने में अहम भूमिका निभाएगा।

 

मुख्यमंत्री से भेंट कर एमएमएमयूटी कुलपति ने दी जन्मदिन की शुभकामनाएं, विश्वविद्यालय की उपलब्धियों से कराया अवगत

 

• मुख्यमंत्री को दी जन्मदिन की बधाई, विश्वविद्यालय की प्रगति पर हुई चर्चा

• एमएमएमयूटी में सैटेलाइट मिशन, फूड-ड्रग सेंटर और साइबर फॉरेंसिक लैब की योजनाएं

एनई न्यूज भारत,गोरखपुर|7 जून: मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) के कुलपति प्रो. जे. पी. सैनी ने शुक्रवार को गोरक्षनाथ मंदिर में उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर कुलपति ने मुख्यमंत्री को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और विश्वविद्यालय की निरंतर प्रगति में उनके मार्गदर्शन और सहयोग के लिए आभार प्रकट किया।

कुलपति प्रो. सैनी ने मुख्यमंत्री को विश्वविद्यालय की हालिया उपलब्धियों और भावी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने अवगत कराया कि एमएमएमयूटी निकट भविष्य में अंतरिक्ष में उपग्रह (सैटेलाइट) भेजने की योजना पर कार्य कर रहा है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर फूड एंड ड्रग टेक्नोलॉजी की स्थापना की जा रही है, जिससे खाद्य एवं औषधियों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में तकनीकी सहयोग मिल सकेगा।

इसके अतिरिक्त, विश्वविद्यालय में एडवांस्ड साइबर फॉरेंसिक लैब की स्थापना की योजना भी तैयार की जा चुकी है, जो साइबर अपराधों की जांच में तकनीकी रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। वहीं, शैक्षणिक सत्र 2025-26 से चार वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम) शुरू किया जाएगा, जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षक तैयार करने की दिशा में एक ठोस कदम उठाया जाएगा।

भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय की इन पहलों की सराहना की और राज्य के तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में इसके योगदान को प्रेरणास्पद बताया।