• डीएफओ ने किया स्थल का निरीक्षण, दो दिन में कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश
• कुलपति प्रो. पूनम टंडन की पहल पर मियावाकी वन परियोजना को मिली नई गति
एनई न्यूज भारत,गोरखपुर:दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मियावाकी पद्धति पर आधारित वन परियोजना को तेजी से अमल में लाया जा रहा है। इस परियोजना के तहत विश्वविद्यालय परिसर में घने और स्वाभाविक रूप से विकसित होने वाले वन तैयार किए जाएंगे।
गुरुवार को गोरखपुर के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) श्री विकास यादव ने विश्वविद्यालय परिसर का दौरा कर परियोजना स्थल का निरीक्षण किया। उनके साथ विश्वविद्यालय की डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. अनुभूति दुबे, स्टेट ऑफिसर श्री अमित उपाध्याय एवं वन विभाग की टीम भी उपस्थित रही। निरीक्षण के दौरान परियोजना के लिए चिन्हित स्थलों को अंतिम रूप दिया गया। डीएफओ श्री यादव ने टीम को निर्देश दिया कि दो दिनों के भीतर कार्ययोजना का पूरा प्रस्ताव और डिज़ाइन तैयार कर प्रस्तुत किया जाए।
यह उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन के मार्गदर्शन में पर्यावरण संरक्षण और अनुसंधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस परियोजना की शुरुआत की गई है। कुलपति के नेतृत्व में विश्वविद्यालय और वन विभाग के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) भी हस्ताक्षरित किया गया है, जिसके तहत मियावाकी वन के साथ-साथ अन्य स्थलों पर भी नियोजित पौधारोपण किया जाएगा।
परियोजना की प्रगति को लेकर प्रति कुलपति प्रो. शांतनु रस्तोगी और डीएफओ श्री यादव के बीच एक बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें स्थल चयन, योजना के विस्तार और अन्य तकनीकी पहलुओं पर चर्चा की गई। जानकारी के अनुसार, पौधार