सीएफएसएल कोलकाता के नए भवन का अमित शाह ने किया उद्घाटन

• बोले न्याय प्रणाली को एविडेंस-बेस्ड बना रही है मोदी सरकार

• नए आपराधिक कानूनों के तहत 7 वर्ष से अधिक सज़ा वाले मामलों में फॉरेंसिक टीम की विज़िट अनिवार्य : अमित शाह 

• 36,000 ट्रेंड फॉरेंसिक प्रोफेशनल्स तैयार करने की योजना, राष्ट्रीय फॉरेंसिक डेटा सेंटर भी प्रस्तावित

एनई न्यूज भारत,कोलकाता,1 जून: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज कोलकाता में नवनिर्मित केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला सीएफएसएल के भवन का विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह सचिव समेत कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।

अपने संबोधन में गृहमंत्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार देश में सुरक्षित, पारदर्शी और साक्ष्य-आधारित आपराधिक न्याय प्रणाली के निर्माण के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि 88 करोड़ रुपये की लागत से बने इस अत्याधुनिक FSL के जरिए पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, ओडिशा, असम, सिक्किम और नॉर्थईस्ट के राज्यों को लाभ मिलेगा।

गृहमंत्री शाह ने बताया कि तीन नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन में फॉरेंसिक साइंस की भूमिका अहम है और इस दिशा में FSL को एक सशक्त माध्यम के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनवरी 2026 से देशभर में पुलिस अधिकारियों, पब्लिक प्रॉसिक्यूटर और न्यायपालिका को फॉरेंसिक साइंस के महत्व से अवगत कराने के लिए विशेष प्रशिक्षण अभियान शुरू किया जाएगा।

गृह मंत्री ने कहा कि मोबाइल फॉरेंसिक वैन हर जिले में उपलब्ध कराने का काम तेजी से चल रहा है। इसके साथ ही नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) के 16 परिसर स्वीकृत किए जा चुके हैं, जिनमें से 7 पहले ही स्थापित हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि देशभर में 36,000 विद्यार्थी हर वर्ष फॉरेंसिक साइंस की पढ़ाई करके निकलेंगे, जिससे हर साल की 30,000 पेशेवरों की जरूरत पहले से पूरी हो सकेगी।

नए आपराधिक कानूनों की चर्चा करते हुए गृहमंत्री शाह ने कहा कि अब 7 साल से अधिक सज़ा वाले अपराधों में फॉरेंसिक टीम की उपस्थिति अनिवार्य की गई है और 60 दिन में चार्जशीट दाखिल करने का प्रावधान भी लागू है। इसके चलते अब लगभग 60% मामलों में 60 दिन के भीतर आरोपपत्र दाखिल किए जा रहे हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि अब देश के 17,184 थाने CCTNS नेटवर्क से जुड़े हुए हैं और सभी का डेटा एक साथ जेनरेट हो रहा है, जिससे अपराधियों पर नकेल कसने में मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक ऑडिट, डीएनए जांच, कॉल डिटेल एनालिसिस और साइकोलॉजिकल प्रोफाइलिंग जैसी तकनीकों से न्याय प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन हो रहा है।

कार्यक्रम में नारकोटिक्स वर्जन 2.0 और एक्सप्लोसिव वर्जन 2.0 का भी विमोचन किया गया, जिससे देश की सभी फॉरेंसिक लैब्स को आधुनिक उपकरणों और तकनीकों का उपयोग करने में सुविधा मिलेगी।

शाह ने अंत में कहा कि मोदी सरकार का उद्देश्य है कि गरीब से गरीब व्यक्ति भी बिना डर के थाने जा सके और समयबद्ध न्याय पा सके, और इसके लिए पूरी आपराधिक न्याय व्यवस्था को तकनीकी और साक्ष्य आधारित बनाना समय की मांग है।