आदेश लाकडाउन का पर सब अनलाक

खालपाड़ा में आवश्यक वस्तु के नाम पर खुली दुकानें, भारी वाहनों पर भी वैन नहीं

ड्रार्इफ्रूट समेत अन्य दुकानें भी खुली, प्रशासन ने किया कर्इ लोगों को उठाया

न्यूज भारत, सिलीगुड़ीः आदेश, लाकडाउन का पर शहर तो खुला है, लोग कहां जा रहे हैं, क्यों जा रहे यह समझ से परे है. ? कोरोना संक्रमण से बद से बदतर होते हालात को देखते हुए प्रशासन ने सात दिनों का लाकडाउन किया। लेकिन अगर देखा जाय तो टोटो चल रहा, लोगों की भीड़ सड़कों पर क्या यह लाकडाउन है. ? अगर यही लाकडाउन है तो अन लाकडाउन ही बेहतर था। जबकि लाकडाउन के दौरान कंपनियों के सामानों की डिलेवरी पर भी प्रतिबंध नहीं है, डिलेवरी काम तेजी से चल रहा है। 

बाजार खुले हैं तो लोग आएंगें ही

   

प्रशासन के आदेश के बाद बाजरों को बंद कर दिया गया है। लेकिन आवश्यक वस्तु के नाम जिन बाजारों को खोला गया है वहां की क्या स्थिति है. ? अब हम बात करते हैं पूर्वोत्तर की सबसे बड़ी मंडी खालपाडा की आवश्यक वस्तु के नाम पर इस मंडी को खोलने का आदेश प्रशासन ने दिया है। लेकिन सच्चर्इ इससे इतर है, आवश्यक वस्तु के साथ-साथ, प्लास्टिक ड्रार्इफूट, साबुन आदि की सभी दुकानें खुली थी। हलांकि सूचना है खबरों के आने के बाद खालपाड़ा पुलिस ने कार्यवार्इ करते हुए कुछ को ले जाने की सूचना है, लेकिन क्या हमें अपनी जिम्मेदारी नहीं समझनी चहिए .? । वही सबसे अहम बात यह है कि पूर्ण लाक डाउन में सब कुछ बंद है तो खालपाड़ा में भारी वाहनों का तांता लगा है क्या संक्रमण में यह इफेक्ट नहीं करेगा. ? इसलिए अगर संक्रमण के चेन को तोड़ना है एक सप्ताह अन्य राज्यों की तरह संपूर्ण लाकडाउन होना चाहिए। हलांकि आज के लाकडाउन की चर्चा शोशाल मिडिया पर तेजी से हो रही है। लोगों का कहना है कि एक सप्ताह पूरा बंद होने से कोर्इ भूखा नहीं मरेगा, इसलिए संर्पूणा लाकडाउन सभी दुकानों को बंद किया जाय। आवश्यक वस्तु के लिए कुछ समय निर्धारित किया जाय। क्योंकि एक सप्ताह का राशन सबके घरों में जरूर होगा ? अगर नहीं है तो दो से तीन घंटे का समय निर्धारित हो नहीं तो पूरा दिन खोलने से हालत ढाक के तीन पात होगी। साथ ही संक्रमण के चेन को तोड़ना मुश्किल होगा। वहीं खालपाडा को भी एक सप्ताह के लिए बंद करने की मांग उठ रही है।           

गुटखा के काले कारोबार पर नकेल कसने की जरूरत

पहले लाक डाउन में गुटखा दुकान बंद कर कर्इ अन्य जगहों से माल मिल रहा था, जो 25 रुपये मं बिकने वाला रंजनीगंधा व तुलसी की कीमत 35 से 40 रूपये फुटकर में बिक रहा था। हालत सामान्य होने पर फिर 25 के रेट चला लेकिन गत चार दिनों की बंदी में 25 से 30 हुआ अब देखना है इस बंदी में क्या कीमत होगी... ? पुलिस को यहां भी ध्यान देने की जरूत है।