एनई न्यूज भारत गोरखपुर, 15 मई : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयूजीयू) ने शैक्षणिक गुणवत्ता और नवाचार के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। विश्वविद्यालय ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा जारी "एक साथ दो शैक्षणिक कार्यक्रम चलाने के लिए दिशानिर्देश" को अपनाकर छात्रों को अब एक साथ दो शैक्षणिक कार्यक्रमों में अध्ययन करने की सुविधा प्रदान की है।
यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप लिया गया है, जिसका उद्देश्य शिक्षा को अधिक लचीला, समग्र और बहु-विषयक बनाना है। अब छात्र दो पूर्णकालिक पाठ्यक्रम, या एक नियमित और एक ऑनलाइन/ODL कार्यक्रम एक साथ कर सकते हैं, बशर्ते समय तालमेल बना रहे और दोनों पाठ्यक्रम यूजीसी या भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों से हों।
कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा, “यह पहल विद्यार्थियों को न केवल बहु-विषयक दक्षता विकसित करने का अवसर देगी, बल्कि उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए भी बेहतर रूप से तैयार करेगी।”
शोध के क्षेत्र में उपलब्धि
डीडीयू के भौतिकी विभाग के शोधार्थी डॉ. प्रयागराज सिंह को फ्रांस के यूनिवर्सिटी ऑफ रीयूनियन में तीन वर्ष की पोस्टडॉक्टरल फेलोशिप मिली है। उन्होंने ISRO प्रायोजित ARFI परियोजना के तहत इंडो-गंगेटिक प्लेन में एरोसोल पर शोध किया है। अब वे वायुमंडल और चक्रवात प्रयोगशाला में दक्षिणी गोलार्ध के वायुमंडलीय कणों और उनके जलवायु प्रभावों का बहु-स्तरीय विश्लेषण करेंगे।
छात्रवृत्तियों से मिला संबल
डीडीयू में आयोजित एक गरिमामय समारोह में कुल 26 मेधावी विद्यार्थियों को विभिन्न स्मृति छात्रवृत्तियाँ प्रदान की गईं। ये छात्रवृत्तियाँ स्वामी शिवानन्द मेमोरियल, हरिहर प्रसाद दुबे मेमोरियल, प्रो. प्रभाशंकर पाण्डेय और श्रीमती पुष्पा दुबे छात्रवृत्तियों के रूप में दी गईं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने की।
प्रो. टंडन ने कहा, “शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक सहयोग अत्यंत आवश्यक है। छात्रवृत्तियाँ छात्रों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाती हैं और समाज में आत्मिक संतोष का माध्यम बनती हैं।”
नई जिम्मेदारी का दायित्व
गणित एवं सांख्यिकी विभाग के वरिष्ठ आचार्य प्रो. हिमांशु पाण्डेय को अधिष्ठाता, अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय के रूप में नामित किया गया है। प्रो. पाण्डेय ने 220 से अधिक शोधपत्र, दो पेटेंट और सात पुस्तकें प्रकाशित की हैं। वे कई प्रशासनिक दायित्वों का भी सफलतापूर्वक निर्वहन कर चुके हैं। इस नियुक्ति पर कुलपति समेत अनेक शिक्षकों ने उन्हें शुभकामनाएं दीं।
डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय की ये पहलें न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर उच्च शिक्षा को एक नई दिशा प्रदान कर रही हैं।