असम में हालात हो रहे खराब, ब्रहम्पुत्र की विनाश लीला जारी
पुल ध्वस्त, काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क में जानवरों की स्थिति बेकाबू
बिहार में कोसी-बागमती समेत 9 नदियां लाल निशान पार
सीतामढ़ी में बागमती खतरे के निशान से साढ़े तीन मीटर ऊपर
कोसी और गंडक बराज पर पानी का दबाव घटा
बागमती खतरे के निशान से साढ़े तीन मीटर ऊपर
न्यूज भारत, टीम पटना/गुवाहाटी: अभी कोरोना काल से जूझ रहे लोग अपनी जान बचाने की दंश झेल रहे हैं। वहीं प्रतिवर्ष आने वाली बाढ़ ने भी अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। असम में जहां ब्रह्रमपुत्रा नदी अपने ऊफान में इंसान के साथ जानवरों को अपनी आगोश में लेने को बेकरार है। तो वहीं बिहार में भी नेपाल में हो रही भारी वर्षा के कारण बिहार की सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में निरंतर इजाफा हो रहा है। जिसके कारण इंसान और वन्यजीवों की जान सांसत में है।
काजीरंगा में बेहाल वन्यजीव
गुवाहाटी : असम में बारपेटा सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित जिला है जहां 3.84 लोग प्रभावित हुए हैं। वही़ गुवाहाटी, डिब्रूगढ़, धुबरी और ग्वालपारा शहरों के अलावा जोरहाट, नीमाटीघाट और सोनितपुर जिले में तेजपुर में ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसकी सहायक नदियां, सुबनसारी, धनसीरी, जिया भराली, कोपिली, पुतिमारी और पगलादिया भी कुछ स्थानों पर खतरे के निशान कही नीचे तो कहीं ऊपर बह रही है। जिसके कारण बाढ़ और भूस्खलन से तबाही मची है। असम के 24 जिलों में करीब 13 लाख लोग अब तक बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। असम में बाढ़ और भूस्खलन से अब तक करीब 70 लोगों की जानें चली गई है। इनमें 44 लोगों की बाढ़ में जबकि 26 की मौत भूस्खलन से काल के गाल में समा चुके है। धीमाजी, लखीमपुर, विश्वनाथ, सोनितपुर, उदलगुरी, दरांग, बक्सा, नलबारी, बारपेटा, चिरांग, बोंगाईगांव, कोकराझार, धुबरी, गोलपारा, कामरूप, मोरीगांव, नौगांव, पश्चिमी कार्बी आंगलांग, गोलघाट, जोरहाट, माजुली, शिवसागर, डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया जिलों में 12 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। उधर देश के बड़े काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में वन्यजीवों की हाल बेहाल हैं। यहां बने शिविरों में से अधिकतर शिविर प्रभावित हुए हैं। पबित्रा वन्यजीव अभ्यारण्य में करीब 25 में से 24 और राजीव गांधी ओरांग राष्ट्रीय उद्यान में 40 में से 28 शिविर प्रभावित होने की खबर हैं।
बकरी के शेड में धुसा टाईगर
कंडोलीमारी गांव में बाढ़ का कहर इस प्रकार देखने को मिला की जान बचने टाइगर को बकरी के शेड में छिप गया। हलांकि उसे निकालने के लिए वन विभाग को 11 घंटे तक रेस्क्यू अभियान चलाना पड़ा। काफी मशक्कत के बाद टाइगर को निकाला जा सका।
बिहार में नदियां लाल निशान के पार
पटना: बिहार में प्रमुख नदियों का बढ़ना जारी है, वहीं बागमती समेत 9 बड़ी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर बना हुआ है। बागमती का पानी सीतामढ़ी में खतरे के निशान से साढ़े तीन मीटर ऊपर है। यह मुजफ्फरपुर में एक मीटर ऊपर है, तो कोसी नदी नेपाल के अलावा सहरसा, खगड़िया, भागलपुर में, जबकि गंडक गोपालगंज में लगातार खतरे के निशान के ऊपर है। कमला बलान मधुबनी में, अधवारा सीतामढ़ी में, खिरोई दरभंगा में, घाघरा सीवान में, महानंदा किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार में, परमान नदी अररिया में लगातार लाल निशान से ऊपर बह रही है। हालांकि, कोसी और गंडक बराज पर पानी की मात्रा में तो कमी आई है, लेकिन उसके ऊपर दबाव बना हुआ है।