• सिलीगुड़ी समेत 30 जगहें पर होगा मॉक ड्रिल
• मॉक ड्रिल उद्देश्य नागरिकों को युद्ध जैसी आपात स्थिति, हवाई हमले या अन्य हमलों से निपटने के लिए तैयार करना
एनई न्यूज़ भारत,सिलीगुड़ी: पहलगाम के बैसन घाटी में आतंकियों द्वारा की गई कायरना हरकत को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। स्थानोंके बीच में दोनों देशों के बीच में युद्ध जैसे हालात पैदा हो गया है। भारत में युद्ध के समय आने वाली परिस्थितियों परिस्थितियों निपटने के लिए 7 मई को देशभर में मॉकड्रिल किया जाएगा। मॉक डील सिलीगुड़ी सब डिवीजन समेत पश्चिम बंगाल के 31 जगहों पर मॉक ड्रिल होगा। हालांकि पश्चिम बंगाल की अधिकतर सीमाएं बांग्लादेश से जुड़े होने के कारण मॉक ड्रिल जिला और सब डिवीजन स्तर पर किया जाएगा।
मॉक ड्रिल को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को 7 मई को मॉक ड्रिल करने को कहा है। देश भर के 244 चिह्नित जिलों में 7 मई को बड़े पैमाने पर सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के आयोजन का निर्देश दिया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों को युद्ध जैसी आपात स्थिति, विशेष रूप से हवाई हमले या अन्य हमलों से निपटने के लिए तैयार करना है। यह ड्रिल नागरिकों को सुरक्षा उपायों, निकासी प्रक्रियाओं और आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए प्रशिक्षित करने पर केंद्रित होगी। ऐसे में चलिए बताते हैं कि पश्चिम बंगाल में कहां-कहां होगा मॉकड्रिल और कहां-कहां बजेगा सायरन।
पश्चिम बंगाल में यहां होगा मॉक ड्रिल :-
• सिलीगुड़ी
• कूचबिहार
• दार्जिलिंग
• जलपाईगुड़ी
• मालदा
• ग्रेटर कोलकाता
• दुर्गापुर
• हल्दिया
• हाशिमारा
• खड़गपुर
• बर्नपुर-आसनसोल
• फरक्का-खेजुरियाहाट
• चितरंजन
• बालुरघाट
• अलीपुरवार
• रायगंज
• इस्लामपुर
• दिनहाटा
• मखीलीगंज
• माथाभांगा
• कालिम्पोंग
• जलढाका
• कर्सियांग
• कोलाघाट
• बर्धमान
• बीरभूम
• ईस्ट मेदनीपुर
• वेस्ट मेदनीपुर
• हावड़ा
• हुगली
• मुर्शिदाबाद
युद्ध का सायरन बजे तो क्या करें ?
• सबसे पहले सुरक्षित स्थानों की तरफ जाएं और बचें।
• 5 से 10 मिनट में सेफ लोकेशन पर पहुंचे।
• सायरन बजे तो बिल्कुल भी पैनिक न हों।
• सायरन बजते ही खुले इलाकों से हट जाएं।
• टीवी, रेडियो पर अलर्ट ध्यान से सुनें।
कैसे पहचाने युद्ध के सायरन को ?
युद्ध के समय जो युद्ध का सायरन बजेगा, वह 2 से 5 किमी दूर तक सुनाई देगा। युद्ध का सायरन आम अलार्म की तरह होगा लेकिन एंबुलेंस की सायरन जैसा नहीं उससे अलग होगा। यह तेज आवाज वाला वार्निंग सिस्टम होगा जो 120-140 डेसिबल तक का आवाज करता है। इसका मकसद होगा एयर स्ट्राइक की सूचना हमले से पहले देना।
मॉक डील के लिए दार्जिंलिंग सब डिवीजन तैयार
बांग्लादेश की सीमाओं से सेट होने के कारण सिलीगुड़ी काफी अहम माना जाता है और यह पूर्वोत्तर का प्रवेश द्वार भी है। जिसके कारण राज्य और केंद्र सरकार की पहली नजर खासतौर से चिकननेक सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर बनी रहती है। सुरक्षा के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण है। हालांकि मॉक ड्रिल को लेकर दार्जिलिंग सब डिवीजन के एक अधिकारी ने बताया है कि अभी तक कोई सूचना सब डिवीजन कार्यालय को नहीं मिली है लेकिन हम लोग तैयारी में है जैसे ही जो आदेश आएगा उसको पूरा किया जाएगा। नहीं उठा फोन नहीं मिली सही जानकारी हालांकि मॉक ड्रिल को लेकर जब संवाददाता ने दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी के जिलाधिकारी से बात करने की कोशिश की लेकिन उनका फोन उठा नहीं जिसके कारण सही जानकारी मिल नहीं पाई है। वही सिलीगुड़ी सबडिवीजन के एसडीओ को फोन पर बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया जिसके कारण सिलीगुड़ी के मॉक ड्रिल की सही जानकारी नहीं मिल पाई है