डॉक्टर के मन में अगर संवेदना नहीं है, तो वह डॉक्टर कहलाने का अधिकारी नहीं : योगी

• चिकित्सक की संवेदना से ही संभव होती है मरीज की आधी बीमारी की दवा: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 

• एम्स गोरखपुर में 500 बेड क्षमता वाले विश्राम सदन का शिलान्यास, पूर्वी यूपी को मिली नई सौगा

  ----- आकाश शुक्ल 

एनई न्यूज भारत,गोरखपुर|18 अप्रैल : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को एम्स गोरखपुर परिसर में 500 बेड की क्षमता वाले विश्राम सदन का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया। पावरग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के सीएसआर निधि से 44.34 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह विश्राम सदन पूर्वी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा रैन बसेरा होगा।

इस अवसर पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि एक चिकित्सक की सबसे बड़ी पहचान उसकी संवेदना होती है। उन्होंने कहा, "डॉक्टर के मन में अगर संवेदना नहीं है, तो वह डॉक्टर कहलाने का अधिकारी नहीं।"

मुख्यमंत्री ने एम्स गोरखपुर के विकास को पूर्वी उत्तर प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था में एक क्रांतिकारी परिवर्तन बताते हुए कहा कि 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रोपा गया यह बीज आज वटवृक्ष बन चुका है। 2021 में शुरू हुआ एम्स आज हजारों मरीजों को नई जिंदगी देने वाला केंद्र बन गया है।

अटेंडेंट के लिए आश्रय, भोजन की सस्ती व्यवस्था जरूरी

सीएम योगी ने कहा कि अस्पतालों में भर्ती मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों के लिए रहने की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “कोई भी व्यक्ति गर्मी, सर्दी या बारिश में खुले में रहने को मजबूर हो, यह अमानवीय है।” उन्होंने विश्राम सदन को मानवीय संवेदना से जुड़ा आवश्यक कदम बताते हुए कैंपस में सस्ती कैंटीन की व्यवस्था की भी बात कही।

रेफर करने की प्रवृत्ति से बचें डॉक्टर

मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों को नसीहत दी कि वे छोटी-छोटी बीमारियों में मरीजों को हायर सेंटर रेफर करने की प्रवृत्ति से बचें। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को क्रिटिकल केयर उपलब्ध कराने के लिए रिस्क लेने की आदत डालनी चाहिए। “हर मरीज डॉक्टर के लिए अनुभव और ज्ञान का आधार होता है,” उन्होंने कहा।

एम्स गोरखपुर को बनाएँ चिकित्सा का हब

मुख्यमंत्री ने अपेक्षा जताई कि एम्स गोरखपुर आसपास के जिलों के मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों से जुड़कर टेली-कंसल्टेशन के माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराए। उन्होंने कोरोना काल में एसजीपीजीआई द्वारा बनाए गए मॉडल का उल्लेख करते हुए इसे दोहराने की जरूरत बताई।

संवेदना के केंद्र के रूप में उभर रहा एम्स: सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि एम्स जैसे संस्थान सिर्फ इलाज के केंद्र नहीं बल्कि संवेदना के प्रतीक भी होते हैं। उन्होंने अतीत की यादों को साझा करते हुए बताया कि इंसेफेलाइटिस संकट के समय उन्होंने बीआरडी मेडिकल कॉलेज में तीमारदारों के लिए 8 रुपये में भोजन की व्यवस्था शुरू कराई थी, जो आज भी जारी है।

रविकिशन और देशदीपक वर्मा ने की मुख्यमंत्री की सराहना

गोरखपुर सांसद रविकिशन ने एम्स की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री को श्रेय देते हुए कहा कि पूर्वांचल की स्वास्थ्य सेवा में यह उनकी दूरदर्शिता का परिणाम है। एम्स गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन देशदीपक वर्मा ने एम्स गोरखपुर को मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में मौन क्रांति की तरह उभरता संस्थान बताया।

कार्यक्रम में एम्स गोरखपुर की कार्यकारी निदेशक डॉ. विभा दत्ता, पावरग्रिड निदेशक यतींद्र द्विवेदी, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने विश्राम सदन की मैप और ले-आउट की जानकारी भी ली और जरूरी दिशा-निर्देश दिए।