बलिया में ईओ आत्महत्या मामले में नया मोड़

तत्कालीन ईओ व चेयरमैन की मुश्किलें बढ़ी

मृतका पीसीएस के भाई की तहरीर पर कोतवाली में मुकदमा दर्ज

न्‍यूज भारत, बलिया : उत्‍तर प्रदेश के बलिया जिला के मनियर नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी (ईओ) पीसीएस मणिमंजरी राय के आत्महत्या मामले में नगरपंचायत के तत्कालीन मनियर ईओ (वर्तमान में सिकंदरपुर ईओ) संजय राव एवं नगरपंचायत चेयरमैन भीमगुप्ता की मुश्किलें बढ़ गई है। मृतका के भाई विजय नंद राय के लिखित तहरीर पर बुधवार को बलिया कोतवाली में भादवि की धारा 306 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। जिससे बलिया में जबरदस्त खलबली मच गई है। मृतका के भाई की माने तो ईओ मणिमंजरी राय ने उक्त मामले की सूचना पहले ही बलिया जिलाधिकारी को भी दिया था, किंतु उच्चाधिकारी मौन रहे। मामले में मनियर के तत्कालीन ईओ संजय राव, नपं चेयरमैन भीम गुप्ता, लिपिक विनोद सिंह, कम्प्यूटर आपरेटर अखिलेश एवं दो अज्ञात समेत छ लोगों के खिलाफ गलत कार्य के लिए दबाव देने एवं ईओ के फर्जी हस्ताक्षर पर करोड़ों के खेल किए जाने का आरोप लगाया गया है। एफआईआर के अनुसार मणिमंजरी राय बलिया जनपद के मनियर में ईओ पद पर कार्यरत थी। जो बलिया में उसकी प्रथम पोस्टिंग थी। इस कारण नगरपंचायत के कुछ कर्मचार, अध्यक्ष नगरपंचायत व ठेकेदार जो नगरपंचायत मनियर में काम कराते है, उससे गलत तरीके से टेंडर करवाने एवं भुगतान करवाने हेतु अनर्गल दबाव बना रहे थे। जिसका वह लगातार विरोध कर रही थी। यही कारण है कि ईओ ने बलिया जिलाधिकारी से मिलकरर पूर्व में तीन माह के लिए जिला मुख्यालय से स्वयं को संबद्ध करा लिया था। पुनः नगरपंचायत मनियर में कार्यभार संभालते ही उसकी जानकारी के बगैर तत्कालीन ईओ व नपं चेयरमैन आदि कर्मचारियों ने मिलकर उनका फर्जी हस्ताक्षरकर शासन से पैसा मंगवा लिया और लगभग 2 करोड़ के कार्ययोजना हेतु 35 कार्य का बिना टेंडर के फर्जी पत्रावली बनाकर कार्य कराने हेतु आदेश देने का दबाव बनाया जाने लगा। इसमें 18 कार्य अकेले एक ही चहेते ठेकेदार को दिया गया था। जिसकी शिकायत ईओ ने बलिया डीएम को भी दिया था। बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई और संबंधित सभी ईओ पर फोन कर अनावश्यक दबाव बना रहे थे। जिससे तंग आकर उसने गत 6 जुलाई को उसने बलिया हरपुर स्थित आवास विकास कालोनी में अपने किराए के मकान में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया। शहर कोतवाल विपिन सिंह के अनुसार मामले में संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जिसकी जांच की जा रही है।