सिक्किम में करीब 40 करोड़ का आईटीसी घोटाला

जाचं के बाद दोंनों फर्म का पता निकला फेक, पोर्टल पर चल रही फर्म

आरोपियों की गिरफ्तारी में जुटा विभाग, सीजीएसटी के सख्त तेवर से कर चोरों में मची खलबाली

एनई न्यूज भारत,गंगटोक

केन्द्री य वस्तु एवं सेवा कर सीजीएसटी को भारत में विभिन्न सरकारों द्वारा कई बार लागू किया गया, इससे पहले कि इसे 1 जुलाई, 2017 से लागू किया गया। जीएसटी लाने का विचार 'एक राष्ट्र एक कर' बनाना था। जीएसटी ने देश में प्रचलित सभी करों को समाहित कर लिया गया है।  हालांकि सरकार के लचीले नियमों को फायदा उठाते हुए कर चोरों करोड़ों का चूना लगया है। वहीं फर्जी आईटीसी लेने वालों के लिए सीजीएसटी वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंत में एक्शन मोड में आ गया है। इसी फर्जी इनपुट के मामले में मंगलवार को सिलीगुड़ी सीजीएसटी यूनिट ने सिक्किम में कई स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें फर्जी बिलों के आधार पर करोड़ों रुपये की जीएसटी इनपुट रिटर्न धोखाधड़ी सामने आई। वहीं सबसे अहम बात यह है कि जिन दो फर्मो की जांच चल रही है दोनों सिर्फ पोर्टल पर अपडेट है और जमीनी स्तेर पर कुछ नहीं है। जांच के दौरान ठाकोर ट्रेडिंग और भरवाड एंटरप्राइज के मालिकों के खिलाफ जांच शुरू की गई तो इसमें करीब दोनेां फर्मो में 30 से 40 करोड़ रूपये का फर्जीवाड़ा किया गया है। सीजीएसटी की छापेमारी में यह बात सामने आया कि इन दोनों संस्थानों के नाम पर फर्जी बिल जारी किए गए थे और इनपुट रिटर्न फाइल किया गया था। जिसमें क्रमश: ठाकोर ट्रेडिंग प्रोपराइटर महेंद्र सिंग सुदर्शन सिंग ठाकोर GSTIN - 06CCEPT7824D3ZG   ने करीब 10 करोड़ के आसपास आईटीसी लिया है।है। जबकि भरवाड एंटरप्राइज, पेकयोंग, सिक्किम GSTN- 11IULPM8666R1ZH ने करीब 20 करोड़ से अधिक का आईटीसी लिया है। इसके साथ ही सबसे अहम बात यह है कि दोनों फर्मों का सिक्किम में कोई भी जमीन हकीकत नहीं है।

फर्जी तरिके से लगाया करोड़ों का चूना: डा. जीतेश नागोरी

सीजीएसटी सिलीगुड़ी के कमिश्नर डा. जीतेश नागोरी ने बताया कि दोनों संस्थाओं की गतिविधियों पर संदेह हुआ। इन संस्थाओं के जीएसटी रिटर्न की स्कैनिंग गई और पूरी जानकारी जुटाई और फिर मंगलवार सुबह इन संस्थाओं के ठिकानों पर छापेमारी की। उन्होंेने कहा कि केवल जीएसटी का इनपुट रिटर्न प्राप्त करने को जारी किए जाते थे फर्जी बिल सिक्किम में इन संस्थानों का कोई अस्तित्व नहीं पूछताछ में यह पता चला कि सिक्किम में इन दोनों संस्थानों का कोई अस्तित्व नहीं था। पिछले वर्ष इन दोनों फर्जी संस्थाओं ने जीएसटी नंबर लिया और उसके आधार पर आइटीसी के फर्जी बिल काटे गए। इन बिलों के जरिए केंद्रीय खजाने से करोड़ों रुपये लूटे गए। सीजीएसटी कमिश्निर ने बताया कि फर्जी बिल के खेल में गुजरात के व्यापारियों के साथ सिक्किम, सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल के कई व्यापारी भी इस धोखाधड़ी में शामिल हो सकते हैं हालांकि जांच जारी हैं। उन्होीने ने बताया कि अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। कमिश्नार जीतेश नागोरी ने बताया कि अगर सिलीगुड़ी के अधिकार क्षेत्र में  मिल जाते हैं गिरफ्तारी आसान होगी। अन्यबथा किसी दूसरे सर्किल के लिए गिरफ्तारी प्रक्रिया जल्द की किये जाने की संभावना जताई है। वहीं दूसरी ओर सीजीएसटी की छापेमारी से सिलीगुड़ी, सिक्किम से लेकर गुजरात तक खलबली मच गई है और विभाग ने इस मामले में सख्त कार्रवाई करने का संकल्प लिया है।

सिक्किम के मेफेयर में हुई थी कार्रवाई

सिलीगुड़ी सीजीएसटी कमिश्न रेट की टीम ने इससे पहले भी 28 जनवरी 25 को मेफेयर स्पा एंड रिसॉर्ट्स, रानीपूल, गंगटोक, सिक्किम में अलीशान एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड, GSTIN-11AATCA2656C1ZY के खिलाफ भी कार्रवाई की गई थी और जिसकी जांच चल रही है।

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