56 इंच का सीना ले मोदी पहुंचे लेह

अचानक पीएम मोदी पहुंचने से देश में हलचल बढ़ी

बेहतर सेना नायक होने का निभाया बेहतर फर्ज

चालबाज चीन के मुंह पर नामो का नया तमाचा

रक्षामंत्री के कार्यक्रम को इसी लिए किया गया रद

सीडीएस के साथ सेना प्रमुख व वायु सेना के अधिकारी भी हैं मौजूद   

न्यूज भारत, नर्इ दिल्लीः देश जवानों को एक बेहतर संदेश व हौसला बढ़ाने के लिए सुबह 8.15 मोदी लेह पुहंच गए। अचानक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 56 इंच का सीना लिए अचानक भारत-चीन सीमा पर पहुंच कर सबको हैरान कर दिया। मिली जानकारी के अनुसार प्रधानंमत्री सुबह एक अहम फैसला लेते हुए सीडीएस बिपिन रावत के साथ लेह पहुंच गए। सूत्र बाताते है कि इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी घायल जवानों से मिलने की उम्मीद है। वहीं मोदी उपराज्यपाल व सेना के अधिकारियों से सीमा की जानकारी भी ली। इस तरह अचानक मोदी के लेह पहुंचने से पूरी दुनियां में आज मोदी का डंका बज रहा है। वहीं मोदी के लेह पहुंचने से जहां  गलवान के बलवानों में नया जोशा पैदा हुआ है, चालबाज चीन के सैनिकों के हौसले पस्त होंगे।   वहीं पीएम एसएसी पर तैयारियों का जायजा लिया। साथ ही चीन के 59 एप बंद करने के बाद पीएम का सीधे सीमा पहुंचना ही चीन को साफ संदेश है। अब भारत झुककर नहीं आंख से आंख मिलाकर बात करने जज्बा आज के नए भारत में है। एलएसी पर भारत और चीन की तनातनी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह अचानक लद्दाख दौरे पर पहुंचे। पीएम मोदी के लेह जाने के बारे में कुछ ही लोगों को पता थी। शुक्रवार सुबह जब प्रधानमंत्री मोदी लेह पहुंचे तभी लोगों को इसके बारे में पता चला। पहले सिर्फ इतनी जानकारी दी गई थी कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस)  बिपिन रावत ही लेह जा रहे हैं। मोदी का यह दौरा चीन को संदेश भी है कि देश फौज के साथ खड़ा है। पीएम मोदी के साथ इस दौरे पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और आर्मी चीफ एम एम नरवणे भी मौजूद हैं। शुक्रवार को लेह के लिए पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का दौरा निर्धारित था लेकिन गुरुवार को अचानक उसे रद्द कर दिया गया था। लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच सीमा पर सात सप्ताह से गतिरोध की स्थिति है। ऐसे समय में प्रधानमंत्री का यह दौरा सैनिकों का हौंसला बढ़ाने वाला होगा। प्रधानमंत्री के दौरे से पहले सेना प्रमुख जनरल एमएन नरवणे ने 23 और 24 जून को लद्दाख का दौरा किया था, जिस दौरान उन्होंने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सिलसिलेवार बैठक की थी और पूर्वी लद्दाख में विभिन्न अग्रिम इलाकों में भी गये थे। पिछले सात सप्ताह से भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर गतिरोध बना हुआ है। वहीं, 15 जून को गलवान घाटी में हुई एक हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिकों के शहीद होने के बाद यह तनाव कई गुना बढ़ गया। झड़प में चीनी सैनिक भी हताहत हुए, लेकिन अभी तक चीन ने इस बारे में ब्योरा नहीं दिया है।