कानपुर में पुलिस बदमाशों से मुठभेड़, 8 पुलिस कर्मी शहीद

कुख्यात हिस्ट्रीशीटर के घर दबिश देने गई पुलिस की टीम पर फायरिंग

छतों से हमलावरों ने पुलिस पर बरसाई गोलियां,  हथियार भी लूटे देश

मुख्‍यमंत्री का आदेश, एक भी अपराधियों को बक्‍शा ना जायेगा  

न्‍यूज भारत, लखनउ : दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड में आरोपित कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर गुरुवार रात दबिश देने गई पुलिस पर हुए बदमाशों ने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग की जिसमें शिवराजपुर एसओ महेश यादव, सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। वहीं इसमें करीब 7 पुलिसकर्मी घायल हुए जिनका इलाज कानपुर में चल रहा है। वही इस मुठभेड में तीन अपराधियों की भी मौत की खबर है। वहीं घटना स्‍थल से एके 47 के खोखे मिले है, इससे पता चलता है कि अपराधियों की तैयारी पहले से थी।

मिली जानकारी के अनुसार बीती रात पुलिस ने कुख्‍यात अपराधी विकास दूबे की घर दबिश देने गई। दबिश के घटना की जानकारी पहले से थी, इसलिए योजना तैयार कर लिया था। पुलिस टीम आने से पहले विकास दूबे ने रास्‍ते को बुलडोजर लगा कर बंद कर दिया था । जिसके कारण पुलिस बल को पैदल ही जाना पड़ा। इसी का फायदा उठाते हुए अपराधियों पहले से छतों पर घात लगाए बैठे अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इससे पहले पुलिस बल कुछ समझ पाते तब तक देर हो चुकी और इसमें आठ पुलिस कर्मीशहीद हो गए। जबकि इस मुठभेड़ में 7 पुलिसकर्मी बुरी तरह जख्‍मी हुए हैं। जिसमें चार पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हैं जिन्हें रीजेंसी में भर्ती कराया गया है। हमले की जानकारी मिलते ही एसएसपी दिनेश कुमार पी, एसपी पश्चिम डॉ. अनिल कुमार समेत तीन एसपी और कई सीओ सर्किल फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। देर रात तक अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस दबिश देती रही। वहीं, कानपुर जोन के अपर पुलिस महानिदेशक जय नारायन सिंह ने 8 पुलिसकर्मियों के मारे जाने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि चार और पुलिसकर्मियों की हालत नाजुक है।

एक भी अपराधी नहीं बचेगा : योगी

घटना की सूचना पर दुख: व्‍यक्‍त करते हुए उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा है कि पुलिस को निर्देश दिया गया है। इस घटना से जुड़े एक भी अपराधी बचने नहीं पाएगा। वहीं घायल पुलिसकर्मियों को बेहतर इलाज का भी निर्देश दिया है।  

चार सिपाहियों की हालत नाजुक

बदमाशों से मुठभेड़ के दौरान चार पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं और रीजेंसी हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती हैं। इसमें दो सिपाहियों के पेट में गोली लगी हैं। डॉक्टरों की टीम गंभीर रूप से घायल सिपाहियों की जान बचाने के लिए जद्दोजहद करती रही।

पुलिस कुछ समझ ही नहीं पाई

घायल पुलिसकर्मियों ने बताया कि दबिश के दौरान अपराधियों ने इस तरह से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी कि जैसे पहले से ही उन्हें भनक लग गई थी। लेकिन बिठूर और चौबेपुर पुलिस की घेराबंदी होने के चलते समझ ही नहीं सके। खुद को फंसता देख बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस जब तक कुछ समझ पाती या मोर्चा संभालती सात लोगों के गोली लगने से बैकफुट पर आ गई। इसके बाद बदमाश मौके से भाग निकले।

राजनैतिक संरक्षण में पल रहा विकास दुबे

25000 के इनामी विकास दुबे पूर्व प्रधान व जिला पंचायत सदस्य भी रह चुका है। इसके खिलाफ करीब 58 से अधिक मामले दर्ज है,  हत्या के प्रयास के मुकदमे चल रहे हैं। उधर विकास दूबे को दबिश की जानकारी हाने के कारण अब विकास दूबे को राजनैतिक संरक्षण की बात सामने आ रही है। वहीं इस बात की भी पुष्‍टी हो रही है, इनता बड़ा गैंग चलाने वाले अपराधी अभी तक बचा कैसे था।