गुवाहाटी हाईकोर्ट का आदेश, सुपारी तस्‍करों पर नकेल कसेगी सीबीआई

‘म्‍यांमार से मणिपुर, असम और बंगाल के रास्‍ते होती है विदेशी सुपारी की तस्‍करी

नेपाल के रास्‍ते बंगाल के धुपगुड़ी और फालाकाटा में होता है सुपारी का स्‍टाक

एनई न्‍यूज भारत, गुवाहाटी

म्‍यांमार और बर्मा से सुपारी के तस्‍करों पर नकेल कसने के लिए गुवाहाटी हाईकोर्ट में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति ने म्‍यांमार से सुपारी तस्‍करी की जांच सीबीआई को करने का आदेश दिया है। हालांकि सुपारी के तस्‍करी में बंगाल के सिंडिकेट के द्वारा किया जाता है। जबकि कुछ दिनों पहले बीएसएफ और डीआरआई ने एक संयुक्‍त अभियान में बंगाल में  बांग्लादेश के रास्ते भारत में अवैध तरीके से सुपारी की तस्करी में सक्रिय गिरोह का कथित सरगना (किंगपिन) कस्टम विभाग का ही एक सुपरिटेंडेंट समीर शंकर को गिरफ्तार किया गया था। वही बीएसएफ द्वारा इस साल जनवरी में बांग्लादेश की सीमा से लगे बंगाल के सुंदरवन जल क्षेत्र से जब्त किए गए 70,000 किलोग्राम सुपारी से भरे दो बांग्लादेशी ट्रालर के केस में कस्टम सुपरिटेंडेंट को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद से विदेशी सुपारी की तस्‍करी मणिपुर के रास्‍ते बढ1 गयी थी। सूत्र बताते हैं कि वही, नेपाल के रास्‍ते बंगाल में भी विदेशी सुपारी की तस्‍करी होती है और जिसे असम-बंगाल की सीमा धूपगुड़ी और फालाकाट के आसपास स्‍टोरेज किया जाता है।

मालूम हो कि बीते सप्‍ताह मंगलवार को न्यायाधीश जोथनखुमा और न्यायमूर्ति मार्ली वानकुंग की पीठ ने आदेश जारी करते हुए कहा कि यह अपराध वाणिज्यिक लेन देन से जुड़ा है। इसकी जांच सीबीआई ही ठीक से कर सकती क्‍योंकि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर की तस्करी की जांच करने में राज्य पुलिस असमर्थ रही है। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई मामले की पूरी जांच करके और जरूरत पड़ने पर मुकदमा दर्ज करके सही निष्कर्ष पर पहुंचे। पड़ोसी देश म्यांमार से भारत और मिजोरम में हो रही सुपारी तस्करी की जांच सीबीआई करेगी। गुवाहाटी हाईकोर्ट की आइजोल बेंच ने सामाजिक कार्यकर्ता रुआटफेला नू वनरामचुआंगी की ओर से दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान आदेश दिया है। गुवाहाटी हाईकोर्ट की आइजोल बेंच में रुआटफेला नू ने जनहित याचिका दायर की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि मिजोरम सरकार सुपारी की तस्करी पर लगाम लगाने में नाकाम रही है। उन्होंने कोर्ट से मांग की थी कि देश में म्यांमार के जरिये दक्षिण मिजोरम के चम्फाई जिले से हो रही सूखी सुपारी की तस्करी को रोकने के लिए राज्य सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। इसलिए मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए।  पिछले कुछ सालों में मिजोरम में वर्मी सुपारी की तस्करी बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गई है। इसमें नेताओं-अधिकारियों और सुपारी तस्करों के बीच सांठगांठ के आरोप लगे हैं। जब सरकार ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की तो मिजोरम के स्थानीय सुपारी उत्पादकों ने तस्करी पर लगाम लगाने के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में चेक पोस्ट बनाकर वाहनों की चेकिंग शुरू की। इस दौरान उत्पादकों ने सुपारी ले जाने वाले वाहनों को जला दिया था।

बीते वर्ष सुपारी तस्‍करों पर हुई बडी कार्रवाई

तस्करी गतिविधियों के खिलाफ अपने अभियान में एक और सफलता प्राप्त करते हुए असम राइफल्स ने मंगलवार को चम्फाई जिले के चुंगते-आइजोल रोड के सामान्य इलाके से 2.072 करोड़ रुपये मूल्य की 29,600 किलोग्राम वजन की 370 बोरी सुपारी बरामद की। चम्फाई में विशेष सूचना के आधार पर असम राइफल्स और सीमा शुल्क विभाग, चम्फाई की संयुक्त टीम द्वारा यह अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान चुंगते-आइजोल रोड के सामान्य इलाके से 370 बोरी सुपारी बरामद की गई। 2,07,20,000 रुपये (मात्र दो करोड़ सात लाख बीस हजार रुपये) मूल्य की सुपारी की पूरी खेप को आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए सीमा शुल्क निवारक बल, चम्फाई को सौंप दिया गया है। इससे पहले, अवैध व्यापार के खिलाफ चल रही लड़ाई में असम के लुमडिंग रेलवे जंक्शन पर रेलवे पुलिस अधिकारियों ने बड़े तस्करी रैकेट का पर्दाफाश किया जब्त माल की अनुमानित कीमत लगभग 50 लाख रुपये है।