पश्चिम बंगाल सिंडिकेट की गाडि़यों पर यूपी जीएसटी कसेगी नकेल

फेक ईवेबिल और सुपारी की गाडि़यों पर होगी विभाग की पैनी नजर

एनई न्‍यूज भारत, सिलीगुड़ी

पश्चिम बंगाल सिंडिकेट और सुपारी तस्‍करों पर नकेल कसने में नाकाम बंगाल जीएसटी को उत्‍तर प्रदेश की स्‍टेट जीएसटी सबक सिखाएगी। खास तौर पर बंगाल से फेक ईवे बिल में नकेल कसने के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ने कमर कस कर तैयार हो रही है। वहीं दूसरी ओर बंगाल की तरफ से जाने वाली सुपारी की गाडि़यों के डाटा को एकत्र कर कार्रवाई करने का मन बना रही है। वहीं, दूसरी ओर यूपी जीएसटी ने ट्रांसपोर्टरों व व्यापारियों के साथ सांठगांठ से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) चोरी का खेल चल रहा दस पर भी नकेल कस रही है। सूत्रों की माने तो यूपी जीएसटी ने डेढ़ माह में ऐसे 16 ट्रांसपोर्टरों पर शिकंजा कसा है, जिनके वाहनों की बार-बार टैक्स चोरी में पकड़ी जा रही है। गाजियाबाद और नोयेडा के रास्ते नियमों को ताक पर रखकर हो रही माल ढुलाई पर विशेष निगरानी रखने के लिए जांच टीमों को अलर्ट मोड में कर दिया गया है। जिन ट्रांसपोर्टरों की गाड़ियां बार-बार पकड़ी जा रही हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश भी जांच अधिकारियों को दिए गए हैं।

पश्चिम बंगाल के फेक बिल पर होगी नजर

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार असम औरर उत्‍तर बंगाल के रास्‍ते देश के विभिन्‍न जगहों पर जाने वाली सुपारी के फेक बिल पर निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है। सूत्र बताते हैं कि खासकर पश्चिम बंगाल सीमा क्षेत्रों में असम सुपारी लाकर स्‍टाक किया जाता है। इसके बाद जैसे सिंडिकेट उन गाडि़यों को फेक अर्थात जांच के दौरान पूरी तरह से असली ईवेबिल बनाकर गाडि़यों को बेरोकटोक रवाना किया जाता है। सूत्र बताते हैं कि सिंडिकेट के इशारे पर इन गाडि़यों को कोई टच नहीं करता है और पश्चिम बंगाल के जीएसटी अधिकारियों की मिली भगत से तस्‍करी की सुपारी धड़ल्‍ले से बंगाल की सीमा पार कर जाती है।

क्‍या है फेक बिल

पश्चिम बंगाल के सुपारी तस्‍कर और सिंडिकेट किसी भी आधार कार्ड पर एक जीएसटी नंबर लेते हैं और उस जीएसटी नंबर पर करीब एक माह में 100 से 150 गाडि़यों में सुपारी भेजने के बाद उस जीएसटी नंबर को बंद कर देते हैं। ऐसे एक माह तक बेरोकटोक सुपारी की गाडि़यों का परिवहन करते हैं। हालांकि जांच के दौरान बिल व ईवेबिल असली होता है, लेकिन अगर विभाग गहराई से जांच करे तो सुपारी भेजने वाले और पाने वाले दोनों का पता विभाग को नहीं मिलेगा। यह गोरखधंध करीब करीब 70 प्रतिशत सुपारी के कारोबार में होता है।

यूपी जीएसटी ट्रांसपोर्टरों पर कसी नकेल

विभागगिय सूत्रों की माने गाजियाबाद जीएसटी ने इन ट्रांसपोर्टरों पर नकेल कसी है जिसमें  , सिक्किम लॉजिस्टिक, बिहार फ्रेट कैरियर्स प्रा. लि., न्यू ढिल्लन स्टार कैरिंग कॉरपोरेशन, आरजी कैरिंग कॉरपोरेशन, राहुल ट्रांसपोर्टर, फौजी ट्रांसपोर्टर, भूरा प्रधान ट्रांसपोर्टर, खुर्रम नरेंद्र जैन ट्रांसपोर्टर, अविनाश गुप्ता ट्रांसपोर्टर अशोक यादव ट्रांसपोर्टर, अजहर ट्रांसपोर्टर, बाॅम्बे कोलकाता कैरिंग कॉरपोरेशन, दिलशाद मलिक ट्रांसपोर्टर, हबीब ट्रांसपोर्टर, जय माता दी परिवहन प्रा. लि., झारखंड समेत कई अन्‍य हैं।

एक्सप्रेसवे पर बढ़ी निगरानी
वहीं दूसरी ओर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न एक्सप्रेसवे के रास्ते अवैध तरीके से और जीएसटी की चोरी करने वाले ट्रांसपोर्टर माल परिवहन कर रहे हैं। इन दोनों ही एक्सप्रेसवे पर विभाग ने निगरानी बढ़ा दी गई है। बिना प्रपत्रों और ई-वे बिलों के अवैध तरीके से माल परिवहन करने वाले जांच टीमों को चकमा नहीं दे सकेंगे।