बागमती, कमला-अधवारा, महानंदा, कोसी लाल निशान के पार
आधा दर्जन नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही
न्यूज भारत, पटना : उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल के पहाडि़यों के साथ पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में हो रही लगातार बारीश का असर बिहार पर पड़ने लगा है। अनवरत वर्षा से नदीयों के जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। जिसके कारण बिहार में इस साल फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। वहीं नेपाल के तराई वाले इलाकों और उत्तर बिहार की नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश के बाद जून में ही सूबे की नदियां उफान पर है। आधा दर्जन नदियां खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गयी हैं। नेपाल से आने वाली नदियों के पानी का तेजी से बढ रहा है, जसिके कारण बाढ़ खतरा मंडरा रहा है। वही बिहार में पिछले 72 घंटे से हो रही बारिश भी परेशानी का सबस बन गई है। नदियों में पानी बढ़ने से तटबंधों पर दबाव भी बढ़ता जा रहा है। हालांकि, जल संसाधन विभाग ने सारे तटबंधों के सुरक्षित होने का दावा किया है।
सूबे की सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। बागमती, कमला, अधवारा, महानंदा, कोसी नदियों का जलस्तर लाल निशान को पार कर गया है। सामान्यत: जून में इन नदियों का जलस्तर इस उच्च स्तर पर नहीं रहता है, लेकिन अनवरत बारिश ने स्थिति गंभीर बना दी है। बागमती व अधवारा समूह सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर में खतरे के निशान को पार कर गयी है। बागमती नदी कटौंझा में खतरे के निशान से 62 सेंटीमीटर और ढेंग में 65 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। कमला बलान मधुबनी के जयनगर में 10 सेंटीमीटर जबकि झंझारपुर में 80 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई है। इसी तरह महानंदा नदी पूर्णिया में खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है। नदी कटिहार में भी लाल निशान को पार कर चुकी है, कोसी नदी नेपाल के अलावा खगड़िया और भागलपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इनके जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। उधर, कोसी और गंडक बराज पर भी पानी की मात्रा बढ़ने से दबाव बढ़ गया है। कोसी वराह क्षेत्र में 1.15 लाख क्यूसेक पर जबकि वीरपुर में 1.47 लाख क्यूसेक पर बह रही थी। इनके जलस्तर में 20 हजार क्यूसेक तक की वृद्धि हुई है। इसी तरह गंडक नदी में वाल्मीकिनगर बराज पर 90 हजार क्यूसेक पानी था। इसमें 24 घंटे में 13 हजार क्यूसेक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।