1000 परामर्श शुल्‍क के साथ 2250 में होगा कोरोना टेस्‍ट

कई अस्पतालों ने इस पर पुनर्विचार की भी अपील की

बंगाल सरकार ने तय की कोरोना टेस्ट की फीस डॉक्टर परामर्श शुल्क

न्‍यूज भारत, कोलकाता: बगाल सरकार ने कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए कोरोन का टेस्ट 2250 रूपये और डाक्‍टर के परामर्श शुल्‍क 1000 रुपये निर्धारित किया गया है। बंगाल सरकार ने इस बावत आदेश जारी कर दिया है। जो तत्‍काल प्रभाव राज्‍य के निजी अस्‍पतालों में लागू होगा। वहीं अगर  निजी अस्‍पताल इसका उलंधन करेगा, तो उसके साथ कार्यवाही भी की जाएगी। मालूम हो कि इससे पहले निजी अस्पतालों में कोरोना का इलाज करा रहे मरीजों से डॉक्टरों के कंसल्टेशन फीस के रूप में प्रतिदिन ₹5000 लिए जा रहे थे। राज्य सरकार इस कदम से जहां आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, वहीं सरकारी अस्‍पतालों पर कोरोना के जांच का दबाव भी कम होगा। सरकार ने स्‍पष्‍ट शब्‍दों में साफ कर दिया है, जो रेट निर्धारित किया है उसे हर हाल में मानना होगा। इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी शुक्रवार को कहा कि सभी निजी अस्पतालों के लिए कोरोना की जांच के लिए 2250 रुपये तय की गई है। जबकि सरकारी अस्पतालों में यह सुविधा नि:शुल्क है। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी अस्पतालों में कोरोना के इंडोर रोगियों के लिए पीपीई व डॉक्टर परामर्श शुल्क के लिए भी 1000 रुपये करके प्रतिदिन की फीस तय की गई है। निजी अस्‍पताल हर हाल में सरकार के इस आदेश को मानना होगा। मालूम हो कि राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने कोलकाता में 20 से अधिक निजी अस्पतालों के सीईओ के साथ पिछले हफ्ते बैठक की थी। इसमें उन्होंने सभी निजी अस्पतालों से मौजूदा संकट को देखते हुए कोरोना रोगियों के परिजनों से उचित व तर्कसंगत फीस लेने का ही आग्रह किया था। वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी अस्पतालों को याद दिलाया था कि यह समय व्यापार का नहीं बल्कि लोगों को सेवा देने का है। हालांकि राज्य सरकार की अपील के बाद कई निजी अस्पतालों में पहले ही पीपीई व जांच शुल्क को कम कर दिया। वहीं अब राज्य सरकार ने इसकी रेट तय कर दी है। दूसरी ओर, राज्य सरकार द्वारा कोरोना की जांच की दर 2250 रुपये तय किए जाने के बाद कुछ निजी अस्पतालों का कहना है कि इससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा। उनका कहना है कि जो जांच किट का वे इस्तेमाल करते हैं उसका मूल्य ही करीब 2600 से 2900 रुपये है, ऐसे में उन्हें नुकसान होगा। इसके अलावा अन्य खर्चे भी शामिल है। कई अस्पतालों ने इस पर पुनर्विचार की भी अपील की है।