बीएसएफ जवानों पर हमला कर तस्करी करने की कोशिश, जवाबी कार्रवाई में तस्कर हुआ ढेर
न्यूज भारत, नदिया:
दक्षिण बंगाल सीमांत के अंतर्गत 8वीं वाहिनी की सीमा चौकी नूनागंज के जवानों ने निडरता और बहादुरी का परिचय देते हुए तस्करों के मंसूबों पर पानी फेर दिया। इस बीच, तस्करों ने बीएसएफ जवानों पर हमला भी किया लेकिन हमले की परवाह न करते हुए जवानों ने तस्करों को मुंहतोड़ जवाब दिया। जवाबी कार्रवाई में एक बांग्लादेशी तस्कर ढेर हो गया।
मालूम हो कि 14 सितंबर, 2023 को रात्रि करीब 9.50 बजे, बीएसएफ की सीमा चौकी नूनागंज के जवानों को ड्यूटी के दौरान अपने जिम्मेवारी के इलाके में कुछ संदिग्ध गतिविधि का अंदेशा हुआ। जवानों ने देखा कि 2 से 3 तस्कर कुछ सामान को पार करने के उद्देश्य से तारबंधी को काट रहे थे। जवानों ने तस्करों को भगाने का प्रयास किया लेकिन तस्कर ने जवानों कि चेतावनी को नजरंदाज कर लगातार तार काटना जारी रखा। जवानों ने नजदीक जाकर जब तस्करों को रोकना चाहा तो इसके विपरीत उन्होंने धारदार हथियार से जवानों पर हमला कर दिया। इसी दौरान, शुरुआत में जवानों ने तस्करों को तितर–बितर करने के उद्देश्य से नॉन लीथल हथियार से 2 चक्र फायर किए। लेकिन इसके बावजूद भी तस्कर नहीं रुके और लगातार आक्रामक तेवर से जवानों की तरफ बढ़ते रहे और हमला जारी रखा। जवानों ने खतरे की संभावना और तस्करों के आक्रामक रवैए को देखते हुए अपनी आत्मरक्षा में लीथल हथियार से 1 चक्र फायर किया। यह देख तस्करों के होश उड़ गए और वे अंधेरे का फायदा उठाते हुए बांग्लादेश की तरफ भाग गए। जवाबी कार्रवाई में एक बांग्लादेशी तस्कर की मौके पर ही मृत्यु हो गई। इसके बाद इलाके की गहन तलाशी के दौरान जवानों ने मौके से 50 बोतलें फेंसेडिल, लोहे का एक बड़ा दाह, तार काटने में काम लिया जाने वाला कट्टर और टॉर्च जब्त की।
बीएसएफ द्वारा इस पूरी घटना की जानकारी तुरंत पुलिस थाना कृष्णगंज को दी गई। तस्करों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवायी गई है तथा जब्त फेंसेडिल और अन्य सामान को पुलिस अपने साथ ले गई।
तस्कर अक्सर करते हैं जवानों पर जानलेवा हमला: बीएसएफ प्रवक्ता
दक्षिण बंगाल सीमांत डीआईजी सह प्रवक्ता ए के आर्य, ने बताया की भारत–बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ जवान अपनी जान की परवाह किए बैगर सीमा पर मुस्तैद रहते हैं। आगे उन्होंने कहा की जब तस्करों को उनके गलत मंसूबों में सफ़लता नहीं मिल पाती तो वे झुंझलाकर जवानों पर जानलेवा हमला करते हैं जिसकी वजह से कई बार हमारे जवान गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। जवान अपनी और सरकारी संपत्ति की सुरक्षा के साथ–साथ तस्करी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाते हैं जिसके परिणामस्वरूप कई बार तस्करों को इसके गंभीर परिणाम भी भुगतने पड़ते हैं।