बीएसएफ ने मानव तस्करी व अपराधों के उन्मूलन को लिए चलाय जागरूकता कार्यक्रम
न्यूज भारत, मालदा
भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात बीएसएफ न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय सीमा की रखवाली कर रहा है बल्कि विभिन्न एनजीओ के साथ मिलकर, अपराधों और सामाजिक कुरीतियों जड़ से मिटाने के लिए समय–समय पर सीमावर्ती स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करता रहता है।
मंगलवार को दक्षिण बंगाल सीमांत के अंतर्गत, 70वीं वाहिनी की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) ने शक्ति वाहिनी एनजीओ के साथ मिलकर हतीमारी हाई स्कूल, गाजोल, मालदा में मानव तस्करी की रोकथाम और अन्य अपराधों से संबंधित एक और जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।
इस जागरुकता कार्यक्रम में बीएसएफ की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) ने ग्रामीण महिलाओं को मानव तस्करी, बाल शोषण, बाल श्रम, लैंगिक भेदभाव, सोशल मीडिया का गलत तरीके से इस्तेमाल करना और शिक्षा के महत्व इत्यादि विषयों पर जानकारी दी। जागरूकता कार्यक्रम में स्कूल के 35 शिक्षकों और 650 लड़कियों ने भाग लिया।
आसपास के गांवों के लोगों ने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए बीएसएफ का आभार व्यक्त किया और जवानों से भविष्य में भी इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का आग्रह किया।
बीएसएफ, दक्षिण बंगाल सीमांत के डीआईजी सह प्रवक्ता ए के आर्या ने कहा कि मानव तस्करी तस्करी, बाल शोषण और बाल श्रम जघन्य अपराध हैं जो समाज के सबसे कमजोर सदस्यों का शोषण करके पनपते हैं। यह सरकारों, संगठनों और समाज का दायित्व है कि वे इस आधुनिक गुलामी को खत्म करने के लिए एकजुट हों, और यह सुनिश्चित करें कि हर इंसान के साथ गरिमा और सम्मान के साथ व्यवहार किया जाए।