बीएसएफ ने 'वृक्षारोपण मुहिम 2023' के तहत सीमा चौकियों में किया पौधारोपण
न्यूज भारत, उत्तर 24 परगना: वृक्षारोपण से जलवायु बदलती है और धरती स्वच्छ और हरा-भरा बनी रहती है। यह भूमि को बचाने में महत्वपूर्ण योगदान देता है और बाढ़, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने में मदद करता है। साथ ही, वृक्षारोपण से जीवन के लिए आवश्यक वन्यजीवन की संख्या भी बढ़ती है। वृक्ष जीवन का आधार होते हैं और पृथ्वी की सुरक्षा, संतुलन और सुस्ती को बनाए रखने में मदद करते हैं। वृक्षारोपण से वातावरण में ऑक्सीजन का उत्पादन होता है, जो हमारे लिए जीवन रक्षक है। साथ ही, वृक्ष प्राकृतिक आवास प्रदान करते हैं और वन्यजीवन को संरक्षित रखते हैं। इसी सिलसिले में दिनांक 18 अगस्त, 2023 को दक्षिण बंगाल सीमांत, बीएसएफ के अंतर्गत सीमा चौकी साहेबखाली, चरलखाली, बोलतला, सी एस खली, बांकरा, गुमटी, झींगा, परगुमटी, कनाईकाटी, शमशेरनगर, 118वीं वाहिनी और वाहिनी मुख्यालय कल्याणी, 05वीं वाहिनी के जवानों ने प्लांटेशन ड्राइव–2023 के तहत सीमावर्ती क्षेत्र तथा सीमा चौकियों के परिसर में विभिन्न प्रकार के 1,500 फलदार और छायादार पौधे लगाए। बीएसएफ, दक्षिण बंगाल सीमांत के प्रवक्ता डीआईजी ए के आर्य ने बताया कि वृक्षारोपण एक महत्वपूर्ण प्रयास है जिसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन का सामर्थ्य बढ़ाना है। यह प्रक्रिया नए वृक्षों को लगाए जाने के माध्यम से जलवायु परिवर्तन को रोकने में मदद करती है, हवा की गुणवत्ता को बेहतर बनाती है, जीवों के लिए निवास स्थल प्रदान करती है, और जैव विविधता को बढ़ावा देती है। वृक्षारोपण एक शानदार तरीका है जिससे हम समृद्धि और स्वस्थ पर्यावरण की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।