...और डूब गया “सूरज” का चिराग, सूनी हुई “मां“ की गोद

सुशांत सिंह से प्रेरित का आरोप बकवासः परिमल मित्रों

फांसी पर लटक कर दी जान, लोगों को पबजी का शक

पवन शुक्ल, सिलीगुड़ीः गांव से परिवार को बेहतर बनाने सपनें लिए वीरपाड़ा के दूर गांव का सूरज विश्वकर्मा करीब पांच साल पहले शहर का रुख करते हुए सिलीगुड़ी पहुंचा था। अपने पुत्र सुशांत विश्वकर्मा को बेहतर शिक्षा और अपने परिवार के सपनों को हंसी देने के लिए खुद रिलांयस स्टोर वर्धामान रोड (वर्तमान) में काम करने लगा। पत्नी घर के खर्चों में हाथा बंटाने के लिए एक मामों शाप खोलकर सुशांत को बेहतर शिक्षा देने के प्रयास में दोनों लगे ही थे। अचानक किस्मत ने रुप बदला और सुशांत ने शुक्रवार को अपने किराए के घर में फांसी लगा कर जान दे दी। उसकी मौत के बाद जहां सूरज के सपनों में आग लग गर्इ, वहीं मां की गोंद से हंसता सुशांत सदा के लिए छोड़कर चला गया।   मिली जानकारी के अनुसार, सूरज विश्वकर्मा का परिवार जिस घर में रहता है। उसी घर के सामने मां मोमों शाप चलाती है। शुक्रवार को सूरज अपने काम पर चला गया। मां शाम को अपने मामों शाप में जुट गर्इ, इस दौरान सुशांत कभी घर में कभी शाप पर आता-जाता रहता था। शुक्रवार की शाम करीब 7 बजे के आसपास जब मोमों शाप बंद कर मां वापस घर में गर्इ तो दरवाजा अंदर से बंद था। काफी बुलाने के बाद दरवाजा नहीं खुला तो वह पड़ोस के लोगों को बुलाकर दरवाजा तोड़ा तो मां के होश उड़ गए, फांसी फंदे पर झूलते अपने कलेजे के टुकड़े को देखकर। आपन-फानन में सुशांत को एक निजी नर्सिंग होम ले जाया गया जाहां डाक्टरें ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना पुलिस को दी गर्इ, पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम भेज दिया। मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। उधर, शहर में रात से ही यह सनसनी फैलादी की वह सुशांत सिंह राजपूत का फैन था, उसके अत्महत्या से दुखी था इसलिए उसनें आत्महत्या कर लिया। लेकिन यह मामला किसी भी एंगल से सटीक नहीं बैठता। इस बावत 4 नंवर वार्ड के काउंसलर परिमल मित्रो ने कहा कि यह बेबिनयाद खबर है और इस तरह की खबरों से समाज में एक अलग भावना पैदा होती है। उन्होंने कहा कि बहुत हंसमुख था और लोग उसे मानते भी पर क्या हुआ, कैसे हुआ कुछ पता नहीं। 10 वर्षीय सुशांत विश्वकर्मा की मौत से पूरा मुहल्ला दुखी है। सूत्र बताते हैं कि मां और बेटे को लेकर अक्शर गेम खेलने को लेकर बोलती थी। साथ ही वह जब भी कमरे में रहता था, तो मोबाइल साथ रखता था। लोगों को शक है कि शायद पबजी गेम ही उसकी मौत का कारण हो सकता। उधर शव को उसके परिजन अपने पैतृक गांव चले गए हैं, जो वीरपाड़ा से करीब काफी दूर है।