साल का पहला सूर्य ग्रहण

ग्रहण से जुड़ी ये बातें भी ध्यान रखें
 
सूतक के समय पूजा-पाठ न करें मंत्रों का जाप करें, और अपने इष्टदेव का ध्यान कर सकते हैं।
खासकर जो गर्भवती महिलाएं है उन्‍हें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। ऐसे समय में ग्रहण से निकलने वाली सूर्य से हानिकारक तरंगे मां और बच्चे की सेहत के लिए हानिकारक होती हैं।
खाने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल देना चाहिए, जिससे कि पका हुआ खाना ग्रहण के कारण अशुद्ध्‍ होने से बच जाए।
ग्रहण खत्म होने के बाद घर की सफाई के साथ स्थापित देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को स्नान करना चाहिए, और पूजा-पाठ करना चाहिए।

 पवन शुक्‍ल, सिलीगुड़ी : कल की सुबह अर्थात, रविवार इस वर्ष का पहला और आखिरी सूर्यग्रहण होगा और इसका असर भारत होगा भी और यह यहां दिखेगा भी। सुबह 10. 30 बजे से सूर्यग्रहण शुरू होकर 2.30 रहेगा। वहीं इसका सूतक शनिवार रात 10. 30 बजे से शुरू होगा। सूतक के समय पूजा-पाठ नहीं किए जाते हैं। इस समय में सिर्फ मंत्र जाप कर सकते हैं। नवग्रह कामाख्‍या मंदीर दार्जिलिंग मोड़ के ज्योतिषाचार्य पं. ध्रुव उपाध्‍याय के अनुसार ग्रहण सुबह सिलीगुड़ी में 10.30 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक रहेगा। ग्रहण का सूतक 12  घंटे पहले शुरू हो जाता है, ग्रहण खत्म होने के बाद पूजा-पाठ किए जा सकेंगे। इससे पहले 5 जून को चंद्र ग्रहण हुआ था, और 21  जून को सूर्य ग्रहण है और 5 जुलाई को फिर से चंद्र ग्रहण होगा। जबकि 5 जून और 5  जुलाई के चंद्र ग्रहण का धार्मिक महत्व नहीं है। इस तरह 30 दिन में तीन ग्रहण का दुर्लभ योग 119 के साल बाद बन रहा है।

चीन से 1962 में युद्ध के वर्ष भी में भी ऐसा ही 3 ग्रहण

2020 से पहले शनि के मकर राशि में वक्री रहते हुए ऐसे तीन ग्रहण 1962 में हुए थे। जो 58 साल पहले17  जुलाई को चंद्र ग्रहण, 31 जुलाई को सूर्य ग्रहण और 15-16 अगस्त की मध्य रात्रि में चंद्र ग्रहण हुआ था। जबकि इस साल में भी चंद्र ग्रहण की धार्मिक मान्यता नहीं थी। लेकिन सबसे बड़ा योग यह है कि 1962  में भारत-चीन के बीच युद्ध हुआ था और इस साल भी भारत-चीन के बीच झड़प हुई और स्थिति तनावपूर्ण है। जबकि कुछ दिनों बाद 1 सितंबर 1962 में ईरान में भारी भूकंप के झटके लगे थे। जबकि 2020  में ऐसे ग्रहण हो रहे हैं और पिछले कई दिनों से देश के अलग-अलग हिस्सों में लगातार भूकंप के झटके आ रहे हैं और आगे भी इसका खतरा बना रहेगा। ये ग्रहण भारत के अलावा एशिया, अफ्रीका और यूरोप के कुछ क्षेत्रों में भी दिखेगा। सभी जगह ग्रहण का समय अलग-अलग रहेगा।

12 राशियों पर ग्रहण का प्रभाव इस प्रकार

मेष- राशि से तीसरे स्थान पर ग्रहण होगा और सामान्य फल देने वाला रहेगा। मेहनत के अनुसार सफलता मिलेगी।

वृषभ- राशि के दूसरे स्थान पर ग्रहण हो रहा है, इसलिए आपको सतर्क रहना होगा।

मिथुन- इस राशि में ही ग्रहण हो रहा है। धैर्य और संयम बनाए रखना होगा। संभलकर काम करें। वरना हानि हो सकती है।

कर्क- द्वादश राशि में ग्रहण होगा। आपको खुद पर काबू रखना होगा। खर्च की अधिकता रहेगी।

सिंह- एकादश स्थान पर ग्रहण हो रहा है। अभी किसी को उधार देने से बचें। आय में बढ़ोतरी के योग बन सकते हैं।

कन्या- दशम स्थान पर ग्रहण होने से कार्य की अधिकता रहेगी, और भागदौड़ अधिक होगा, पिता की मदद से लाभ मिलने की संभावना है।

तुला- नवम भाव में ग्रहण होगा, और भाग्य में रुकावट उत्पन्न करेगा हो रहे कार्यो में रूकावट या कार्य में देरी संभावना है।

वृश्चिक- इस राशि में अष्टम स्थान पर ग्रहण होने के कारण सावधान रहने का समय है, और साथ ही अपाको वाहन चलाते समय, ऊंचाई और बिजली से सचेत रहना होगा।

धनु- सप्तम भाव में ग्रहण होने वाला है, मित्रों से तनाव मिल सकता है। सोच-समझकर कोई भी काम करें,नहीं तो हानि‍ की संभावना के योग हैं।

मकर- इस राशि में ग्रहण षष्ठम स्थान पर है, जिसके कारण रोजगार में नुकसान हो सकता है।

कुंभ- आपके लिए थोड़ा राहत को समय है पंचम स्थान पर ग्रहण होने से संतान से सुख और सहयोग मिलेगा, साथ ही धन लाभ मिल सकता है।

मीन- चतुर्थ स्थान पर ग्रहण होने से चिंता में वृद्धि होगी। कार्य की अधिकता रहेगी। लापरवाही से बचना होगा।