दौड़ते नेटवर्क पर हांफता जियो फाइबर

18008899444 यह वैध नहीं, डायल किया नंबर अमान्‍य है, दूसरा नंबर होता है बीजी

शिकायत करने का नंबर होता है व्‍यस्‍त, स्थानीय स्‍तर पर भी कोई ठोस पहल नहीं

कनेक्‍शन के लिए जियो, कंप्‍लेक के लिए ग्राहक लगाते हैं चक्‍कर

2जी से बदतर है जियो का फाइबर व मोबाइल स्‍पीड

    न्‍यूज भारत, सिलीगुड़ी : आत्‍मनिर्भर भारत और डिजिटल इंडिया की मुहिम में देश की अगणी टेलीकाम कंपनी के नेटवर्क और स्‍पीड की हालत 2जी की स्‍पीड से बदतर हो गई है। जियो के द्वारा उपलब्‍ध कराए गये नंबंर की सेवा का क्‍या हाल है। यह तो डायल करने के बाद या बीजी होता है या यह नंबंर अवैध की घोषणा होती है। कंपनी सबसे महत्‍वपूर्ण तरिका यह है, अगर ग्राहक को कनेक्‍शन या सीम लेना है तो कंपनी के कर्मचारी उसकी नींद हराम कर देते है, और कनेक्‍शन लगने के बाद किसी कंप्‍लेन के लिए ग्राहकों ठीक कराने के लिए ग्राहकों की नींद हराम हो जाती है। सबसे अहम बात यह है कि जियो अब देश ही नहीं बल्कि दुनियां में अपनी धाक जमा रहा है, जिसके कारण निवेशक कतार में हैं। परंतु अफसोस देश की इतनी बड़ी टेलीकाम कंपनी की स्‍पीड से देश के आत्‍मनिर्भर भारत और डिजिटल डंडिया का क्‍या हाल होगा।  मालूम हो कि जियो के प्‍लेटफार्म पर कुछ योजनाओं और बेहतर कनेक्‍टवीटी के कारण ग्राहकों का रुझान जियो की तरफ तेजी से बढ़ा। लेकिन बढ़ते ग्राहकों से विश्‍व पटल पर जियो को एक बेहतर मुकाम मिला है। परंतु डाटा के मामले में खासकर उत्‍तर बंगाल के सिलीगुड़ी में जियो का चाहे फाइबर ब्राडबैड या मोबाइल कनेक्‍शन की स्‍पीड तो पूरी तरह से घ्‍वस्‍त हो गया है। बताते चलें कि एक फाइबर उपभोक्‍ता ने बताया कि कनेक्‍शन की सूचना मिलने के बाद जियो के लोग कागजी कर्रवाई के लिए ग्राहकों के घर पर तबतक चक्‍कर लगाते है, जब तक कनेक्‍शन नहीं लगता है। लेकिन बाद में जब उस उपभोक्‍ता ने कनेक्‍शन में समस्या हुई तो स्‍थानीय कार्यालय सें संपर्क किया तो उसे जियो राष्‍ट्रीय स्‍तर पर कंप्‍लेन दर्ज कर डाकेट नंबंर लेने के बाद उसे पर कार्रवाई होती है। परंतु उस नंबंर 18008899444 पर काल करने पर आवाज आती है, ‘ आपके द्वारा डायल किया गया नंबंर अमान्‍य, कृपया चेक करें।‘  इसके बाद स्‍थानिय स्‍तर पर कार्रवाई की कहानी है कि पहले कंप्‍लेन के बाद स्‍पीड को लेकर स्‍थानिय स्‍तर पर बात करने के बाद अंबानी की कारपोरेट की कहानी में सब बीजी है, एक ही जवाब कराता हूं। 4 जून को कनेक्‍शन ठीक होने के बाद उसी दिन स्‍थानीय स्‍तर पर वाह्रटएप मैसेज दिया गया, स्‍पीड नहीं है। जवाब तो मिली चेक कराता हूं पर आज तक कोई चेक नहीं हुआ। जबकि स्‍थानिय स्‍तर पर बड़े अधिकारियों को भी फोन किया गया लेकिन एक ही जवाब कराता हूं। जियो की इस बेरूखी से कई लोगों को जियो फाइबर से मोह भंग होता नजर आ रहा है। वहीं दूसरी ओर मोबाइल नेटर्वक की बात करें तो कमोवेश उसका भी वहीं हाल है। सबसे अहम बात यह है कि जियो में किसी भी तरह से कोई गलत रिर्चाज हो तो उसके लिए इतना लंबा तरिका है कि परेशान होकर वह खुद से खुद को सरेंडर कर लेता है। मालूम हो कि हर मोबाइल उपभोक्‍ता पूरी तरह से बहुत ज्ञान नहीं होता है, आसान तरीके नेटवर्क पर सहीं जानकारी लेना टेड़ीखीर साबित होता है। क्‍योंकि हर मोबाईल उपभोक्‍ता अंग्रेजी या तकनिकी रूप से सक्षम नहीं है, लंबे प्रासेस के कारण लोगों का अब देश की अग्रणी कंपनी से लोगों का मोहभंग होता नजर आ रहा है।