इंफाल के दूर दराज के क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विस्तार में जुटा है 44 असम राइफलस
स्कूल का मरम्मत कर असम राइफल ने हिंदी दिवस पर स्थानीय लोगों को दिया तोहफा
न्यूज भारत, इंफाल(मणिपुर) : तौसेम सब डिवीजन में सरकारी हाई स्कूल, नम्तिराम गांव आसपास के गांवों में शिक्षा में अग्रणी संस्थान है। जो तामेंगलोंग में जिला मुख्यालय से लगभग 29 किमी दूर है। स्कूल के बुनियादी का ढांचा खराब होने के कारण यहां शिक्षा ग्रहण करना संभव नहीं था। ऐसे में हम नया भारत में 21वीं सदी की सुविधाओं के लिए परेशानी सबब बना हुआ है। लेकिन गांव के युवाओं ने इस स्कूल के निर्माण और बुनियादी सुविधाओं के विस्तार के लिए 44 असम राइफलस से संपर्क कर दुरूस्त करने की मांग की। इस मानसून सत्र में बटालियन ने इमारत की मरम्मत का काम शुरू किया। 44 असम राइफल्स की पहल पर गांव के कई युवा प्रेरित हुए, जिन्होंने अपने सपनों को साकार करने में यूनिट के जवानों के साथ कड़ी मेहनत की। बटालियन ने उन्हें गांव में रचनात्मक विकासात्मक गतिविधियों के लिए प्रेरित और प्रेरित किया। जैसे-जैसे जीर्णोद्धार का काम आगे बढ़ा, अधिक से अधिक लोग इसमें शामिल होते गए। नामतीराम गाँव में 44 असम राइफल्स और स्थानीय ग्रामीणों द्वारा आत्म निर्भर भारत का एक नया अध्याय लिखा गया है। जो हिंदी पखवाड़ा में पुनर्निर्मित स्कूल भवन का उद्घाटन कमांडेंट, 44 असम राइफल्स द्वारा किया गया और 15 सितंबर और स्कूल अधिकारियों को सौंप दिया। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि स्कूल एक ऐसी जगह है जहां बच्चे जीवन भर सबक सीखते हैं। वे जीवन भर स्कूल में अनुभव की गई यादों को अपने साथ रखते हैं। शिक्षा के लिए सही शिक्षण वातावरण और सीखने की जगह एक व्यक्ति को भविष्य के सामाजिक परिवर्तनों के लिए तैयार करती है। निश्चित रूप से यह दुर्लभ मरम्मत और नवीनीकरण कार्य कई अन्य गांवों को प्रेरित करेगा और इन दूर-दराज के क्षेत्रों में शिक्षा के लिए आशा की एक नई किरण लाएगा। उन्होंने लोकतंत्र के उत्सव पर ग्रामीणों को बधाई दी। इस अवसर पर बटालियन कमांडेंट ने नामतीराम ग्राम अध्यक्ष के साथ स्कूल परिसर में एक दिवसीय मेगा वेलनेस कैंप का उद्घाटन किया. यूनिट के मेडिकल स्टाफ ने जिला अस्पताल के सहयोग से दो महिला डॉक्टरों सहित तीन चिकित्सकों को ग्रामीणों के घर-द्वार पर मुफ्त जेनेरिक दवाएं दीं। मौके पर एक बुनियादी चिकित्सा परीक्षण प्रयोगशाला भी स्थापित की गई थी। इस चिकित्सा शिविर से लगभग 125 रोगी लाभान्वित हुए।