अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 02 तस्करों को दबोचा, 04 मवेशियों की जान बचाई
न्यूज भारत, मालदा : भारत-बंगलादेश की अंर्तराष्ट्रीय सीमा की रखवाली में बहती नदियों की समस्या भी जटिल है। बावजूद इसके सीमा सुरक्षा बल के जवान अपनी पासिंग आउट परेड की कसम को बखूबी निभा रहे हैं। ऊफनाती गंगा की लहरों के बीच से भारत से बंगलादेश के बीच गोवंश की तस्करी करने वालों की खैर नहीं है। पशु तस्कर जान की परवाह किए बिना नदी के रास्ते बंगलादेश गोवंश को पहुंचाने का प्रयास करते हैं। तो मुस्तैद बीएसएफ के जवाना गंगा की मजधार से तस्करों गिरफ्तार और गोवंश को बचा रहे हैं।
बीएसएफ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के अन्तर्गत आने वाली 78वीं बटालियन, सीमा चौकी नीमतीता के जवानों ने, 11 सितम्बर 2021 को अर्धरात्रि के लगभग 2.30 बजे खुफिया विभाग की सूचना के आधार पर इलाके में घेराबन्दी कर दी। इसके साथ ही रात्रि कैमरे (HHTI) के द्वारा उनकी गतिविधियों पर नजर गड़ा दी गई। जैसे ही बांग्लादेशी तस्कर अंतरराष्ट्रीय सीमा को क्रास करने की कोशिश करने लगे, वैसे ही तुरन्त सीमा सुरक्षा बल के सर्तक जवानों ने काफी मशक्कत करने के बाद उन्हें 04 मवेशियों सहित धर दबोचा। प्रारम्भिक पूछताछ में पकड़े गये बांग्लादेशी मवेशी तस्करों ने अपना नाम आरिफ शेख, पिता मफिजुल हक, ग्राम पारचोका, बांग्लादेश व मातिन, पिता भादू, ग्राम- बरोरूसा, बांग्लादेश बताया है। तस्करों ने खुलाशा किया कि 08 सितम्बर को नदी के रास्ते अवैध रूप से बांग्लादेश से भारत आये थे। भारतीय गांव महालदार पारा से होते हुए अर्जुनपर पहुंचे। जहां इनकी मुलाकात अर्जुनपुर के भारतीय तस्करो हुसैन और अहसान अली से हुई। 11/09/2021 को ग्राम अर्जुनपुर से आरिफ शेख और मातिन को 04 मवेशी दिए गये। कहा कि इन चारों मवेशियों को बांग्लादेशी तस्कर रुबेल, निवासी थुथापारा और मसूद, निवासी मनाहोरपुर, दोनो को अलग-अलग दो-दो मवेशी सौंपना है। जिसके बदले उन्हें 40,000 रुपए बांग्ला टका मिलना था। इस काम को करने के लिए इन लोगों ने पानी के रास्ते बांग्लादेश की ओर जाने का प्रयास किया। किंतु सीमा सुरक्षा बल की नीमतीता सीमा चौकी के सजग जवानों द्वारा उन्हें अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा पार करने से पहले ही मवेशियों के साथ दबोच लिया गया।
78वीं बटालियन के कमांडिंग आॅफिसर राहुल ने कहा है कि, भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ और मानव तस्करी को रोकने के लिए बीएसएफ सख्त कदम उठा रही है, जिससे ऐसे अपराधों में शामिल लोगों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़े। इसके अतिरिक्त जो पकड़े जा रहे हैं उन्हें कानून द्वारा सजा मिल रही है। उन्होंने कहा यह पहली बार नहीं है जब 78 वी वाहिनी सीमा सुरक्षा बल के जवानों द्वारा सजगता का परिचय देते हुए स्मगलरों को मवेशियों के साथ धरा गया है, इससे पहले भी अनेकों बार वाहिनी के सजग जवानों द्वारा स्मगलरो और एंटी सोशल एलिमेंट्स के मंसूबों को नाकामयाब किया गया है।