बेरोजगारी तोड़ रही शरहद की दीवार

नहीं मिला बीजा, आर्किटेक्चर इंजीनियर ने अपनाया घुसपैठ का रास्‍ता

मानवीय संवेदना में बीएसएफ ने पकड़े गए युवक को बीजीबी को सौंपा

बंगलादेश से भारत में घुसपैठ अधिकतर मामले रोजगार की तलाश में  

दोनों देश के दलालों की चांदी, बेरोजगारों को तार काट करा रहे सीमा पार

सीमा की साख पर आंच नहीं, अवैध कारोबारियों पर हो रही कार्रवाई: बी मधुसुदन राव

पवन शुक्‍ल, कोलकता/सिलीगुड़ी

कहतें हैं अंर्तराष्‍ट्रीय सीमाओं को अवैध रूप से पार करना अपराध है। लेकिन पड़ोसी राष्‍ट्र बंगलादेश में दम तोड़ती रोजगार की तलाश ने बंगलादेश के युवा, महिलाओं को अंर्तराष्‍ट्रीय शरहद की सीमाओं का उलंधन करना एक मजूबरी बन गई है। इस अवैध कारोबार में कुछ सफल भी होते हैं। लेकिन अधिकतर मामले में भारत में प्रवेश करते या भारत से बंगलादेश में प्रवेश करने के दौरान सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा सीमा पर पकड़े जाते है। एक आंकड़े के अनुसार सिर्फ दक्षिण बंगाल फ्रंटियर में वर्ष 2020 में भारत से बंगलोदश और बंगलादेश से भारत में अवैध घुसपैठ के 3756 लोगों को बीएसएफ ने पकड़ा है। जबकि वर्ष 2021 में 6-8-21 में करीब आठ माह में 1776 लोगों को बीएसएफ ने गिरफ्तार कानूनी कार्रवाई की है। 11 अगस्‍त 21 को एक नया मामला सामने आया है। पेशे से आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल किए युवक ने रोजगार के लिए भारत में बीजा अप्‍लाई किया था। लेकिन जब उसे बीजा नहीं मिला तो दलालों के चंगुल में फंस कर अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने की कोशिश में बीएसएफ ने पकड़ लिया। हलांकि मानवीय आधार पर बीएसएफ ने गिरफ्तार युवक को बंगलादेश बार्डर गार्ड(बीजीबी) को सौंप दिया।

दोनों देश के दलालों पर कसी जाय नकेल

अवैध रूप से सीमा का उलंघन करने की हिम्‍मत कोई साधरण नागरिक किसी भी देश का नही कर सकता है। भारत बंगलादेश की सीमाओं अर्थात दोनों तरफ पूरे उत्‍तर बंगाल फ्रंटियर, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर, गुवाहाटी फ्रंटियर व त्रिपुरा फ्रंटियर के क्षेत्र में कुकरमुत्‍ते की तरह दलाल पनपे हैं। दोनों देश के दलाल युवक, युवती और महिलाओं को अपने फायदे के लिए अंर्तराष्‍ट्रीय सीमा पार कराने का ठेका लेते हैं। ऐसे में भारत के सभी राज्‍यों की सरकारों और बंगलादेश सरकार को कठोर कदम उठाना चाहिए। लेकिन भारत में घुसपैठ जहां रोजगार के लिए होती है। वहीं राजनीतिक दल इसे अपने फायदे के लिए अपने-अपने राज्‍य में खुली छूट दे रखें हैं। हाल ही में असम और मणिपुर सीमा पर हुए विवाद का प्रमुख कारण घुसपैठ ही माना जा रहा है। जबकि शिलांग फंटियर की बात करें तो वहां घुसपैठ ना के बराबर है। ऐसे में राज्‍य सरकारों को भी बहतर पहल करनी होगी।     

बीएसएफ ने जारी प्रेस रिलीज में बताया कि 11 अगस्त, 2021 को नदिया जिले के सीमावर्ती इलाके में सीमा सुरक्षा बल ने एक बांग्लादेशी युवक को भारतीय सीमा में घुसते समय गिरफ्तार किया। युवक के साथ आए दलालों ने तारबंदी को काटकर भारत में घुसपैठ की कोशिश को सतर्क जवानों  ने नाकाम करते हुए किशोर मजूमदार के पुत्र 23 वर्षीय बिजन मजूमदार बंग्लादेशी युवक को हिरासत में ले लिया। वह बांग्लादेश के बारीसाल जिले के थाना अगैल झारा के अंतर्गत  आने वाले बत्रा गांव का रहने वाला हैं। बयान में बताया की 08 वी वाहिनी की सीमा चौकी, रामनगर के सीमा पर तैनात सतर्क जवानों ने 11 अगस्त, 2021 कि सुबह तकरीबन 04.40 बजे तारबंदी के समीप बांग्लादेश की ओर से तीन से चार लोगो की संदिग्ध हरकत देखी। जवान ने उन्हें रुकने को कहा लेकिन वो लोग तारबंदी काटने लगे। जवान ने दौड़कर एक व्यक्ति को हिरासत में ले लिए बाकी लोग घने अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले। गिरफ्तार बिजन को सीमा चौकी लाने के बाद पूछताछ में बिजन मजूमदार ने बताया की वह आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में स्नातक है और उसे मुम्बई के भांडुप स्थित श्री नाकोड़ा कार्ड में नौकरी के लिए लेटर आया है। आगे युवक ने बताया कि आठ माह पहले उसने भारतीय वीजा के लिए आवेदन किया था। लेकिन उसका वीजा अभी तक नही बन पाया इस लिए उसन मंटु नाम के बंग्लादेश दलाल की मदद से भारत आने की सोची। इसी लिए उसने मंटु को 18000/ बांग्लादेशी टका भी दिया। गिरफ्तार किए गए युवक के अपराध की गंभीरता और  युवक के भविष्य को देखते हुए दोनो देशों की सीमा रक्षक बलो के आपसी सद्भावना के चलते उसे बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के हवाले कर दिया गया।

 इधर  बी मधुसुदन राव, 08 वीं वाहिनी के कमांडिंग ऑफिसर ने बताया की भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुससपैठ को रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल कड़े कदम उठा रही हैं। जिससे इस प्रकार के अपराधो में लिप्त व्यक्तियों को काफी मुश्किल का अनुंभव हो रहा हैं। और उनमें से कुछ पकड़े जा रहे हैं और उन्हें कानून के मुताबिक सजाए हो रही है साथ ही बांग्लादेशी लोगो को उनके अपराध की गंभीरता को देखते हुए मानवीय आधार और दोनो देशों की सीमा सुरक्षा बलो के आपसी सद्भावना के चलते उन्हें बॉर्डर गार्ड बंग्लादेश को  सौंपा गया है। साथ ही सीमा सुरक्षा बल की इस प्रकार कि कार्यवाही से बंग्लादेशी दलालो के खिलाफ भी बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश को कड़ी कानूनी कार्यवाही करने में भी मदद मिल रही है।