बंगलादेश की अंर्तराष्ट्रीय सीम पर जवनों की चौकसी हुई तेज
तस्करी और अवैध घुसपैठ पर जवानों की रहती है पैनी नजर
अंर्तराष्ट्रीय सीमा पर अवैध कारोबारी बदलें रास्ता, खैर नहीं
पवन शुक्ल, सिलीगुड़ी
भारत-बंगलादेश की 936.415 किमी उत्तर बंगाल फ्रंटियार की सीमाएं हमारे जवानों की चौकसी के कारण पूरी तरह से चाक-चौबंद और सुरक्षित है। वहीं जवानों की तत्परता और सर्तकता के कारण भारत-बंगलादेश की अंर्तराष्ट्रीय सीमा की साख पर आंच आने की संभावना पूरी तरह से नहीं के बराबर है। हलांकि कुछ छिटपुट घटनाओं को छोडकर बाकि सीमा पूरी तरह से सुरक्षित है। हमारे जवान वर्ष भर के मौसम, कडकड़ती ठंड, तपती दुपहरी की धूप, मूसलाधार वारिश में भी निगरानी पर कोई कोताही नहीं बरतते हैं। जिससे हमारे देश की सीमाएं और देश दोनों सुरक्षित रहे। भारत-बंगलादेश की अंर्तराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान बखूबी निभा रहा है। हमारे जवान अपने परिवारों से दूर होली, दिवाली, बहनों के पर्व रक्षा बंधन पर वह देश की सीमाओं की सुरक्षा चाक-चौबंद रखते है। उक्त बातें उत्तर बंगाल सीमांत मुख्यालय महानिरीक्ष (आईजी) रवि गांधी ने एक बताचीत के दौरान कही।
उन्होंने बताया कि हलांकि सीमाओं पर अवैध करोबार पूरी तरह से नकेल कसी जा रही है। आने वाले समय में सीमा पर अवैध घुसपैठ, गोबंश की तस्करी, अन्य तस्करी को शुन्य करने की कोशिश की जा रही है। साथ भारत-बंगलादेश की सीमा पर तस्करी के लिए पांव फैलाने वाले तस्करों को चेतवानी देते हुए श्री गांधी ने बताया कि ये अवैध कारोबारी, तस्कर समेत जो भी गलत कार्यो में लिप्त हैं। वह अपना रास्ता बदल लें, अन्यथा हमारे जवान उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाने का काम पूरी मुस्तैदी से करेंगे।
श्री गांधी ने जवानों के संकल्प की चर्चा करते हुए बताया कि देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने के संकल्प के साथ हमारे-अधिकारी जल, थल और नभ को पूरी तरह भारत की सीमा को सुरक्षित रखते हैं। उनके इसी अदम्यक साहस और त्याग के कारण आज हमारी सीमाएं पूरी तरह से सुरक्षित है। उत्तर बंगाल के क्षेत्र में तस्करी के मामले पहले अधिक थे, लेकिन इस कुछ दिनों में तस्करी और घुसपैठ जैसे अपराध में काफी कमी हुई है और आने वाले समय में शुन्य करने की योजना पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि कार्यभार ग्रहण करने के बाद मैंने भारत-बंगलादेश के कई सीमा क्षेत्रों का दौरा किया है। जहां थोडी बहुत कमी थी उसे शीघ्र दूर करने के साथ फुलप्रुफ सीमा बनाने का निर्देश भी दिया गया है। जो कुछ दिनों में दूर करके भारत-बंगलादेश की अंर्तराष्ट्रिय सीमा को चाक-चौबंद कर दिया जाएगा, जहां परींदा भी पर नहीं मार सकता।