कभी शोला, कभी शबनम, कभी तूफान हैं आँखें...

वीरता के लिए पुलिस मेडल से नवाजे गए सहायक कमांडेंट संदीप कुमार गुप्ता

‘’नक्‍शलियों से मुठभेड़ में कुशल मार्गदर्शन में की गई फायरिंग से एक नक्सली वहीं ढेर हो गया। जिस पर नक्सली स्वयं के घिरने के आभास स्वरूप, सुरक्षित निकलने में ही अपनी भलाई समझते हुए वहां से भाग खड़े हुए। तत्पश्चात इलाके में चलाए गए तलाशी अभियान के दौरान 01 नक्सली का शव सहित भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया।‘’

पवन शुक्‍ल, सिलीगुड़ी

कहते हैं, ‘वीर किसी भी देश के इतिहास को बदलते हैं’। किसी के भय पर आदमी की शानदार जीत को ही वीरता कहते है। वीरता किसी भी देशभक्‍त व्‍यक्ति चरित्र का स्वाभाविक गुण होता है। उसके स्थायी साहस एवं चरित्र की स्थिरता का नाम ही वीरता होता है। कभी-कभी हम क्षणिक हौंसले को भी वीरता मान लेते हैं पर जो सच्चा वीर है, वह धीर और गम्भीर भी होता है। वह अपने साहस का दुरूपयोग नहीं करता और न ही उसका दिखावा करता है। संसार में वीरों का सदा सम्मान होता है, ऐसे ही वीर देश का इतिहास बदलते हैं, और राष्ट्र का निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे ही देशभक्त वीर किसी भी राष्ट्र के भाग्य-विधाता होते। प्रकृति भी हमें वीरता की प्रेरणा देती है, जिसमें समुद्र में लहरों की तरंगों, हवा के झोकों में, मेघ के गरजन में यही सिंघनाद सुनाई देता है और वीरता का दूसरा नाम बलिदान है। हमारे देश के लिए अनके वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी है और आततायी कभी वीर नहीं हो सकता और सच्चा वीर दम्भ से दूर रहता है और हमेशा दूसरों की रक्षा करता है। इसी तरह की कहानी एक निर्माण नई दिल्‍ली के विज्ञान भवन में आयोजित सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अलंकरण समारोह में दिखा।इस अलंकरण समारोह में अनोखी वीरता के लिए 8 बीएन बीएसएफ में तैनात सहायक कमांडेंट संदीप कुमार गुप्ता को उनके बेहतर सूझबूझ के लिए उग्रवादियों को खदेड़ने और बिना क्षति के एक उग्रवादी को मार गिराने और भारी मात्रा में हथियार बरामद करने के लिए और वीरता के लिए पुलिस मेडल से नवाजा गया। इसमें बल के कुल 23 सदस्यों को पदकों से अलंकृत किया गया। जिसमें 12 सदस्यों को पुलिस पदक (पीएमजी) और 11 सदस्यों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक (पीएमएमएस) से सम्मानित किया गया। वर्तमान में  सहायक कमांडेंट संदीप कुमार गुप्ता साउथ बंगाल फ्रंटियर के 8 बीएन बीएसएफ में तैनात हैं और आज यह लाइनें देश के जवानों के साहस और शौर्य पर सटीक है।

उस मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता

जिस मुल्क की सरहद की निगेहबान हैं आँखें

हर तरह के जज्बात का, ऐलान हैं आँखें

कभी शोला, कभी शबनम, कभी  तूफान हैं आँखें...।।

मालूम हो कि दिसंबर 2017 में संदीप कुमार गुप्ता बतौर सहायक कमांडेंट की तैनाती नक्सल प्रभावित इलाके मलकानगिरी, उड़ीसा में तैनात 8 बटालियन में थी। 14-15 दिसंबर की मध्यरात्रि संदीप कुमार गुप्ता को इलाके में नक्सलियों के हरकत की गुप्त सूचना मिली। इस पर संदीप कुमार गुप्ता ने विशेष रणनीति तैयार करते हुए नक्सलियों के विरूद्ध ऑपरेशन शुरू किया। इस दौरान अचानक इनकी मुठभेड़ नक्सलियों से हो गई। संख्या में अधिक होने के चलते नक्सलियों ने इन्हे तीनों ओर से घेरने का प्रयास करते हुए भीषण गोलीबारी शुरू कर दी। इस पर संदीप कुमार गुप्ता ने जवाबी कार्रवाई करते हुए मोर्चा संभाला और अलग-अलग दिशाओं में गोलीबारी शुरू कर दी। इनके कुशल मार्गदर्शन में की गई फायरिंग से एक नक्सली वहीं ढेर हो गया। जिस पर नक्सली स्वयं के घिरने के आभास स्वरूप, सुरक्षित निकलने में ही अपनी भलाई समझते हुए वहां से भाग खड़े हुए। तत्पश्चात इलाके में चलाए गए तलाशी अभियान के दौरान 01 नक्सली का शव सहित भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया। इनके पराक्रम और शौर्य के मान्यतास्वरूप भारत सरकार द्वारा 71वें गणतंत्र दिवस पर संदीप कुमार गुप्ता को ‘वीरता के लिये पुलिस पदक’ से सम्मानित किया गया है।

इस समारोह में नित्यानंद राय, MoS (गृह), अजय कुमार मिश्रा, MoS (गृह), अजय कुमार भल्ला, गृह सचिव, BSF के सेवानिवृत्त DSG / ISG, CAPFS के DSG, सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के सेवारत अधिकारी मौजूद थे। यह अलंकरण समारोह बीएसएफ के पहले महानिदेशक पद्म विभूषण के एफ रुस्तमजी के सम्मान बीएसएफ 2003 से उनके जन्मदिन के अवसर समारोह का आयोजन कर रहा है। लेकिन इस साल, कोरोना महामारी के कारण, अलंकरण समारोह को 17 जुलाई 2021 को पुनर्निर्धारित किया गया था। इस अवसर पर बीएसएफ के  डीजी राकेश अस्थाना ने कर्तव्य की वेदी पर मातृभूमि के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले बल के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। रणनीति, बुनियादी ढांचे, हथियार और प्रशिक्षण के मामले में खुद को तैयार करने में बल के निरंतर प्रयास पर जोर देते हुए  डीजी बीएसएफ ने कहा कि विशेष रूप से राष्ट्र विरोधी तत्वों के नापाक मंसूबों को विफल करते हुए सीमा के प्रहरी द्वारा विभिन्न परिचालन उपलब्धियों का उल्लेख किया।