गोरी झूलि गई जुलुआ हजार में...

राकेश की आनलाइन प्रस्‍तुति में झूमें श्रोता

आकाश शुक्‍ल, गोरखपुर (उप्र.)

चौरी चौरा शताब्दी समारोह एवं आजादी का अमृत महोत्सव"लोकरंग" के कार्यक्रम में जब ‘गोरी झूलि गई जुलुआ हजार में, के मधुर तान आनलाइन मिडिया पर गूंजे तो अषाढ़ में सावन की घटा छा गइ। आनालाइन कार्यक्रम के माध्‍यम से इस प्रस्‍तुति राकेश उपाध्याय 8 जुलाई 2021 को शाम 6.30  बजे उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा ऑन लाइन प्रस्तुति में गोरखपुर प्रस्‍तुत किए। श्री उपाध्‍याय अपनी टीम के साथ भोजपुरी लोकसंगीत की प्रस्तुति में सर्वप्रथम सरस्वती वंदना, ‘हाथ जोड़ि तोहके मनाई आहो मोरी शारदा भवानी’, ‘ गोरखपुर गोरक्षभूमि ह काशी शिव के नगरी’ , ‘ जिनगी जुड़ाये जहां पलकन की छाव में’ , कजरी ‘गोरी झूलि गई जुलुआ हजार में’ , देशभक्ति गीत सुंदर सुभूमि भईया भारत के देसवा से, एवं कुईया के ठंडा पानी पीपल की छाव रे आदि लोकगीत प्रस्तुत कर सोशल मिडिया पर भी साक्षात प्रस्‍तुति नजर आई। इनके साथ  संगत करने वाले कलाकारों हारमोनियम पर रविन्द्र कुमार, तबला पर उत्तम मिश्र, ढोलक पर गौरव मिश्र एवं साइड रीदम पर सुमन्त कुमार ने संगत किया ।  अपने इस ऑन लाईन प्रस्तुति को लेकर राकेश उपाध्याय एवं पूरी टीम ने इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में प्रस्तुति के लिए उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग के प्रति आभार प्रकट किया।