सुख हो या दुख हो हम एक साथ रहेंगे: मनोज मुकुंद नरवणे
आइएमए परेड में देहरादून में दिखी देश के जवानो की हनक
433 कैडेड में 333 भारत के साथ 6 अफसर बंगाल के हुए शामिल
पवन शुक्ल : शनिवार की सुबह कोरोना संकट के दौर में भारत सेना के इतिहास की एक नई सुबह लेकर निकला, हलांकि बादलों के साये के बीच जब जांबाज जवानों ने देहरादून भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) के परेड ग्राउंड कदम रखा तो देश की सुरक्षा को एक और चांद जुड़ गया। सलामी परेड के बाद जब थलसेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने जेंटलमैन व उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘ कल तक ये आपके बच्चे थे, कल से हमारे’ सुख हो या दुख हो हम एक साथ रहेंगे और देश की सुरक्षा के लिए कदम से कदम मिला कर चलेंगे। उन्होंने कोरोना संकट को लेकर कैडेटों के परिजनों के नहीं बुलाए जाने पर दुख जताया। नरवड़े ने कहा कि अब वीरों के एतिहाकि धरती पर आयोजित कैडेट परेड देश को एक नई पहचान और सुरक्षा में मेरे ये जवांन अहम भूमिका निभाएंगे। बतौर मुख्य अतिथि (रिव्यूइंग आफिसर) थलसेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे बतौर परेड की सलामी लिया। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार न ही जेंटलमैन कैडेटों के परिजन परेड देखने के लिए पहुंच हैं और ना ही देश-विदेश के गणमान्य लोग व वरिष्ठ सैन्य अधिकारी को बुलाया गया और दो गज की दूरी के साथ इस बार परेड सादगी से परेड आयोजित की गई। देहरादून का आइएमए के ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर परेड सुबह साढ़े छह बजे से शुरू हुई परेड के बाद आयोजित पीपिंग व ओथ सेरेमनी के बाद पासिंग आउट बैच के 423 जेंटलमैन कैडेट बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना का अभिन्न अंग बनगए । इनमें 333 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थलसेना को मिले, जबकि 90 युवा सैन्य अधिकारी नौ मित्र देशों अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, भूटान, मॉरीशस, मालद्वीव, फिजी, पपुआ न्यू गिनी, श्रीलंका व वियतनाम की सेना का अभिन्न अंग बनेंगे। आज की परेड के बाद देहरादून स्थित प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी के नाम देश-विदेश की सेना को 62 हजार 562 युवा सैन्य अधिकारी देने का गौरव जुड़ गया, इनमें मित्र देशों को मिले 2503 सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं। पासिंग आउट परेड के लिए अकादमी के आसपास सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद थी,चप्पे-चप्पे पर तैनात सेना के सशस्त्र जवान तैनात थे, अकादमी परिसर के बाहरी क्षेत्र में सुरक्षा का जिम्मा दून पुलिस के पास था। पासिंग आउट परेड के दौरान सुबह छह बजे से पूर्वाह्न 11 बजे तक पंडितवाड़ी से लेकर प्रेमनगर तक जीरो जोन रखा गया था। इस दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग-72 (चकराता रोड) से गुजरने वाला यातायात प्रेमनगर व बल्लूपुर से पूरी तरह डायवर्ट कर दिया गया था।