दो दशकों की मांग अब मूर्त रूप लेगा दालकोला बाईपास रेलवे ओवर ब्रिज
ओवर ब्रिज के निमार्ण में रेलवे ने शुरू किया काम, दो माह में पूरी होने की संभावना
पवन शुक्ल , सिलीगुड़ी
कहा जाता है किसी भी देश के विकास के रफ्तार में सड़कों की रफ्तार महत्वपूर्ण स्थान रखती है। बंगाल की राजधानी कोलकता को देश की सबसे महत्वपूर्ण शहर चिकननेक (सिलीगुड़ी) को सड़क मार्ग से निर्वाधगति जोड़ने की मांग करीब दो दशकों से उठ रही है। हलांकि राष्ट्रीय राजमार्ग 34 पर 750 किमी सड़क के काम को करीब 90 से 95 फिसदी काम को कछुए गति पूरा कर लिया गया है। इस निर्माण प्रक्रिया में कलकता उच्च न्यायालय की भूमिका भी सराहनीय रही है। इस सड़क में सबसे बड़ी बाधा दालकोला का बाईपास रहा है। जहां करीब 10 से 15 किमी का लंबे जाम के साथ इतनी दूरी को पार करने में करीब 4 से 5 पांच घंटे का समय लगता है। हलांकि इस बाईपास के निमार्ण की मांग करीब दो दशकों से थी। कुछ पीलर तो काफी समय से निर्माण के बाद यात्रियों को मुंह चिढ़ा रहे थे। लेकिन न्यायालय के डंडे के बाद अंतत: 18 जून 21 को रेलवे ब्रिज पर स्पैन को चढ़ाने काम शुरू हो चुका है। रेलवे की माने तो इस काम को करीब दो माह में पूरा हो सकता है। इसके बाद इस जाम से निजात मिलने की संभावना प्रबल है।
कई बार कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया : कल्याण चक्रवर्ती
इस बावत कलकता हाईकोर्ट के अधिवक्ता कल्याण चक्रवर्ती ने बताया कि चिकननेक को जोड़ने वाली कोलकाता से सिलीगुड़ी तक की सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग 34 जो प्रदेश के आर्थिक विकास के साथ देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक दृष्टिकोण से सबसे महत्व्पूर्ण है। लेकिन सबसे अहत बात यह है कि दलखोला रेलवे लाइन पर रेलवे ओवरब्रिज पर काम शुरू हुआ और यह राहत की बात है। श्री चक्रवर्ती ने बताया कि बंगाल में NHAI का काम कछुए की गति से चलने को लेकर देबेश साहा पहले ही कलकत्ता हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर चुके हैं। जिसके बारे में कोर्ट समय-समय पर निर्देश दे रहा है। इस संबंध में कलकत्ता उच्च न्यायालय में जनहित याचिका में याचिकाकर्ता के वरिष्ठ अधिवक्ता कल्याण चक्रवर्ती को बुलाया गया था। उन्होंने बताया कि निदेशक, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, डीआरएम कटिहार और उच्च न्यायालय की निगरानी के माध्यम से ओवरब्रिज के निर्माण में तेजी लाई गई है। लेकिन अब दिन में 8 घंटे काम करेंगे। काम इस गति को लेकर रेलवे के अधिकारियों का कहना है यह काम करीब दो माह में पूरा हो सकता है। क्योंकि इस रेलवे लाइन पूर्वोत्तर को जोड़ती है और कई महत्वपूर्ण ट्रेनें आवागमन होता हैं। नतीजतन, इस काम को करना काफी मुश्किल था। इसबाईपास के निर्माण को लेकर मैंने उत्तर दिनाजपुर के जिलाधिकारी डीआरएम कटिहार से चर्चा की और सकारात्ममक परिणाम रहा और इसमें इन लोगों को अहम भूमिका है। शायद एक दो महीने में काम पूरा हो जाएगा। इससे क्षेत्र में संचार व्यवस्था में और सुधार होगा।
एनएचएआई के निदेशक दिनेश अंसारिया से नहीं हो सकी बात
राष्ट्रीय राजमार्ग के निदेशक दिनेश अंसारिया से उनके माबाईल पर बात करने की कोशिश किया गया पर उन्होंने फोन नहीं उठाया। जिसके कारण इस परियोजना के संबंध में विस्तृ्त जानकारी नहीं मिल सकी। मालूम हो कि पिछले दो दशकों से इलाके के लोग मांग कर रहे हैं कि ओवरब्रिज का काम जल्दी शुरू हो। विभिन्न जटिलताओं के कारण पुल पर काम रोक दिया गया था। इस पुल के बनने से क्षेत्र के लोगों के सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ-साथ कई लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी उतनी ही तेजी से संचार होगा। वहीं केंद्र सरकार पहले ही सड़क के निर्माण में तेजी लाने के लिए 25,000 करोड़ रुपये फंड पहले ही दे चुकी है। जिसका उपयोग बुनियादी ढांचे के विकास के लिए किया जाएगा।
वहीं केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को धन आवंटित करने और देश के निर्माणाधीन एनएचएस के निर्माण कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया। सड़कों के विकास में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार ने 25,000 करोड़ रुपये दिए हैं। कुछ सड़कों को 2020 तक पूरा करने के लिए कहा गया था। लेकिन कोरोन संक्रमण के कारण इसमें देरी हो रही है और इसमें 60 किलोमीटर के तहत निर्माणाधीन परियोजना के साथ कोलकाता से सिलीगुड़ी तक 750 किमी. सड़कें हैं। जिसमें से करीब 95 प्रतिशत काम कोलकाता से कृष्णानगर तक हो चुका है।