सीमा सुरक्षा बल कदमतला में विश्व पर्यावरण दिवस पर वृच्छा रोपण कार्यक्रम
न्यूज भारत, सिलीगुड़ी : प्रकृति बिना मानव जीवन संभव नहीं है। इसलिए यह मावन के जीवन में जरूरी हो जाता है कि हम यह समझें कि हमारे लिए पेड़-पौधे, जंगल, नदियाँ, झीलें, जमीन और पहाड़ कितने जरूरी हैं। वहीं विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के पीछे की अवधारणा पर्यावरण के महत्व पर ध्यान केंद्रित करना और लोगों को यह याद दिलाना है, कि प्रकृति को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। आज के दौर में सम्पूर्ण मानवता का अस्तित्व प्रकृति पर ही निर्भर है। इसलिए एक स्वस्थ एवं सुरक्षित पर्यावरण के बिना मानव समाज की कल्पना अधूरी है। उक्त बातें वृच्छा रोपण कार्यक्रम को संबोधित करते प्रभारी महानिरीक्षक सह उपमहानिरीक्षक/प्रधान स्टाफ अधिकारी ईडवीन जॉन बैनट ने कही। उन्होने बताया कि प्रकृति को बचाने के लिए आज हम सबको मिलकर कुछ संकल्प लेना होगा। पृथ्वी पर वृक्षों की भारी कमी हो गयी है। वहीं दिन प्रतिदिन वृक्षों को भारी मात्रा में काटा जा रहा है, जिससे कारण पृथ्वी पर लगातार प्रदुषण वढता ही जा रहा है। जो मानव के जीवन के लिए आगे आने वाले भविष्य में गंभीर संकट पैदा हो सकता है। वृक्ष पर्यावरण के शुद्धिकरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। अतः वर्ष में कम से कम एक पौधा अवश्य लगाएँ और उसे बचाएँ तथा पेड़-पौधों के संरक्षण में सहयोग करें। वहीं विश्व पर्यावरण और वृक्षारोपण के महत्व को समझाते हुए बताया इसका मकसद है लोगों को पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति जागरूक और सचेत करना।
मालूम हो कि प्रत्येक वर्ष दिनांक 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का फैसला 1972 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन में चर्चा के बाद लिया गया। इसके बाद 05 जून 1974 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ईडवीन जॉन बैनट, उपमहानिरीक्षक/प्रधान स्टाफ अधिकारी, उत्तर बंगाल सीमान्त मुख्यालय, सीमा सुरक्षा बल के नेतृत्व में कदमतला स्थित परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसी क्रम में सीमा सुरक्षा बल उत्तर बंगाल फ्रंटियर कदमतला के प्रागंण में ईडवीन जॉन बैनट, उपमहानिरीक्षक/प्रधान स्टाफ अधिकारी, उत्तर बंगाल सीमान्त मुख्यालय, सीमा सुरक्षा बल एवं मुख्यालय के अन्य कार्मिकों के द्वारा भी मुख्यालय परिसर में विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में वृक्षारोपण किया।