कांपी धरती सहमें लोग

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.4 मापी गई

सि‍लीगुड़ी में भूकंप के झटके से घरों से बाहर निकले लोेग

भूकंप का केंद्र गंगटोक से 25 किमी दूर भारत-भूटान बॉर्डर

बिहार, बंगाल समेत कई राज्यों में भूंकप के झटके

न्‍यूज भारत, सि‍लीगुड़ी : सोमवार रात की रात सि‍लीगुड़ी  समेत बिहार, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में धरती कांप गई और लोग भूकंप के झटके महसूस किए गए। हलांकि रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 5.4 मापी गई। बिहार, बंगाल के अलावा असम और सिक्किम में भी भूंकप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटकों के बाद सहमे लोग घरों से बाहर निकाल आए। नैशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार इस भूकंप का केंद्र सिक्किम राजधानी गंगटोक से 25 किमी दूर भारत-भूटान बॉर्डर था। ये भूकंप के झटके रात 8 बजकर 50 मिनट पर महसूस किए गए।

भूकंप में बचाव के उपाय

भूकंप आने के समय आप घर में हैं तो फर्श पर बैठ जाएं। मज़बूत टेबल या किसी फर्नीचर के नीचे पनाह ले सकते हैं। अगर टेबल न होने पर अपने हाथ से चेहरे और सिर को ढक लें और घर के किसी कोने में चले जाएं और कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें। अगर बिस्तर पर हैं तो लेटे रहें, तकिये से सिर ढक लें और अगर आसपास भारी फर्नीचर हो तो उससे दूर रहें। वहीं भूकंप के समय लिफ्ट का इस्तेमाल करने से बचें। क्‍योक‍ि लिफ्ट पेंडुलम की तरह हिलकर दीवार से टकरा सकती है लिफ्ट और बिजली जाने से भी रुक सकती है लिफ्ट। वहीं कमज़ोर सीढ़ियों का इस्तेमाल न करें, आमतौर पर इमारतों में बनी सीढ़ियां मज़बूत नहीं होतीं। वहीं झटके आने तक घर के अंदर ही रहें और झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें।  अगर आप भूकंप के दौरान मलबे के नीचे दब जाएं तो माचिस हरगिज़ न जलाएं क्‍योंकि इस दौरान गैस लीक होने का खतरा हो सकता है। हिलें नहीं, और धूल न उड़ाएं, किसी रूमाल या कपड़े से चेहरा ज़रूर ढक लें। किसी पाइप या दीवार को ठकठकाते रहें, ताकि बचाव दल आपको तलाश सके। यदि कोई सीटी उपलब्ध हो तो बजाते रहें, और  यदि कोई और जरिया न हो, तो चिल्लाते रहें, हालांकि चिल्लाने से धूल मुंह के भीतर जाने का खतरा रहता है, और उससे सावधान रहें।