फुलगेना के आईल बहार हे रसिया...

‘स्वर गुंजन’ की प्रस्तुति में युवाओं में दिखा पारंपरिक लोकगीतों का जोश

परंपरा को गांवों के गलि‍यों में जीवित रखने का प्रयास : राकेश उपध्‍याय

पवन शुक्‍ल, सि‍लीगुड़ी/देवरिया (उप्र)

रंगों के रंगीनियों के पर्व होली की आहट के साथ ही पूरी फिंजा मदमस्‍त हो जाती है। इसके साथ पारंपरिक फाग महोत्सव रंग बिखरने लगते हैं। कहीं फूलों की होली और कृष्ण भजनों से पूरा माहौल भक्तिरस में डुब जाता है। ल‍ेकिन सबसे मनमोहक पर्व होली की गवंई परंपरा आज भी गांवों के माहौल को अपसी भाई चारा का संदेश लेकर पूरा साल दूसरी होली का इंतजार करता है। गांवों में खत्‍म हो रही परंपरा को आज भी अपने रंग में रंगने के लिए लोग प्रयास कर रहे है। इसी क्रम में उत्‍तर प्रदेश के देवरिया जिले के ग्राम-करौंदी (भलुअनी) में पारंपरिक फगुआ आयोजित किया गया। जिसमे ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं ने अपनी प्रस्तुति चौताल,डेढ ताल,उलारा,और जती जैसी होली की पारंपरिक विधाओं को प्रस्तुत किया,सखियाँ दोऊ राजकुमार सभा बीचे आये, फुलगेना के आइल बहार हे रसिया गेना लगाल बगिया में,कवने छयलवा के नारि रे सडकिया पे पग पयजनिया बाजे आदि की प्रस्तुति ने फिर से पारंपरिक होली को अपनी पहचान दी। वहीं गांव के युवाओं ने अपने पारंपरिक गीत फुलगेना के आईल बहार हे रसिया...ने लोगों के मन को मोह लिया।

इस बावत ‘स्‍वर गुंजन’ सामाजिक एवं सास्‍कृतिक संस्‍था के अध्‍यक्ष व भोजपुरी गायक राकेश उपध्‍याय ने बताया हम परंपरा को लुप्‍त होने से बचाने के प्रयास में रहते है। इस संस्‍था के माध्‍यम से युवाओं को उनकी पौराणिक पहचान बरकरार रखने के उद्देश्‍य स्‍वर गुंजन से युवाओं को जुडे रहने की अपील कराता है। जिसके माध्‍यम से हम अपनी ऐतिहासि‍क परंपरा को लुप्‍त होने बचा सके। श्री उपाध्‍याय ने कहा कि आधुनिकता के इस दौर में जहां लोग चकाचौंध की दुनिया के तरफ तेजी बढ़ रहे है और परंपराए लुप्‍त होने के कगार पर है। लेकिन हम अपनी परंपरा को अगर युवाओं से जोड़ में आने वाली पीढ़ीयों को इस मनमोहक परंपरा को और बेहतर कर सकते है। हम स्‍वर गुंजन के माध्‍यम से युवाओं को देश के पारंपरिक लोकगीत से जोड़कर अपने संस्‍कार और गवई संस्‍कृति को बचा सकते है। हलांक‍ि इस कार्यक्रम में युवाओं के उत्‍साह और गायन से आज भी अपने माटी की महक साफ दिखई दी।

 इस कार्यक्रम में गायक के रूप में बिजेंद्र सिंह,रमेश सिंह दीपक,श्याम शुक्ल, शुभम तिवारी, कैलाश शुक्ल,दीनानाथ यादव,दीपक यादव,हारमोनियम पर-प्रीतू प्रीतम,ढोलक पर गोबिंद भारती ने संगत किया ।इस अवसर पर मनोज पटेल,संदीप पटेल,अंकज गुप्ता, जवाहरलाल यादव,रमेश उपाध्याय, मनोज तिवारी मंगल और सब्यसाची उपाध्याय उपस्थित रहे । कार्यक्रम के अंत में संस्था के अध्यक्ष राकेश उपाध्याय ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी ग्रामीण कलाकारों व गणमान्य लोगों के प्रति आभार प्रकट किया ।