गोरखपुर को मिली एक और इतराने की वजह

सीएम योगी का नेपाल, पूर्वांचल और बिहार के लिए बड़ा तोहफा

प्रदेश का सबसे बड़ा चिड़ियाघर आम लोगों के लिए 26 मार्च के बाद खुलने के आसार

सीएम 26 मार्च को करेंगे शहीद अशफाकउल्लाह खां प्राणि उद्यान का लोकार्पण, तैयारियों में जुटा प्रशासन

 एसपी सिंह,गोरखपुर (उप्र)

शहर के बीचो बीच मरीन ड्राइब जैसा नजरा, तो रफ्तार के लिए बनी रही बेहतरीन सड़के। वहीं औद्धोगिक विकस को मिल रही रफ्तार, चिकित्‍सा के क्षेत्र में मिलेगी अगल पहचान, अनेक योजनाओं के निर्माण से महत्‍वपूर्ण बन रहे उत्‍तर प्रदेश के गोरखपुर को होली पर एक और इतराने की वजह मिलने जा रही है। वहीं सबसे अहम बात यह है कि गोरखपुर चिड़ियाघर देश का दूसरा चिड़िया घर होगा जहां पेंग्विन की मौजूदगी होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 मार्च को नेपाल, पूर्वांचल और बिहार के लोगों को बड़ा तोहफा देने वाले हैं। सीएम योगी प्रदेश के सबसे बड़े शहीद अशफाकउल्लाह खां (चिड़िया घर) प्राणि उद्यान का लोकार्पण 26 मार्च को कर सकते हैं। इसके लिए जिला प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दीं है। इसके बाद यह आमजन के लिए खोल दिया जाएगा।

गोरखपुर में दशकों से चिड़िया घर को लेकर लोगों में आस थी। लोगों का यह सपना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब पूरा कर दिया है। 121 एकड़ में फैले चिड़िया घर का लोकार्पण कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के सपने को साकार करेंगे। मुख्यमंत्री का पूरा प्रयास गोरखपुर में चल रहे विकास कार्यों को शीघ्र पूरा कराने को लेकर भी है। उनके ड्रीम प्रोजेक्ट में योगीराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह और संस्कृति केंद्र था, जिसका लोकार्पण वह बीते रविवार को कर चुके हैं। वहीं, चिड़ियाघर भी उनके ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। इसके खुलने के बाद नेपाल, बिहार और पूर्वांचल की नई पीढ़ी को इन पशु पक्षियों के बारे में बेहतर जानकारी मिलेगी, तो उनके लिए यह ज्ञानार्जन का बड़ा केंद्र भी होगा। गोरखपुर से मात्र सौ किमी की दूरी पर नेपाल और करीब सौ किमी के बाद ही बिहार राज्य की सीमा भी शुरू हो जाती है। नेपाल और बिहार से हजारों लोग गोरखपुर विभिन्न कारणों से आते हैं। अब तक 133 में से 115 वन्यजीवों को चिड़ियाघर में लाया जा चुका है। प्राणि उद्यान के निदेशक राजाराम मोहन का कहना है कि उद्यान का निर्माण तीन सौ करोड़ की लागत से 121 एकड़ में किया गया है। यहां पर सारी बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हैं। अब इसके उद्घाटन की तैयारी पूरी की जा रही है।

बाघ, तेंदुआ और साही, घड़ियाल का देखिए नजारा

लखनऊ से एक मादा बाघ, एक मादा तेंदुआ, एक मादा साही, घड़ियाल, पुनर्वास केंद्र लखनऊ से नौ कछुए (टर्टल), विनोद वन से दो नर चीतल (स्पाटेड डियर), जंगल वैट (नर-मादा), दो सियार (नर-मादा), दो रसेल वाइपर सांप (नर-मादा), दो अजगर (नर-मादा), लखनऊ प्राणि उद्यान से दो घड़ियाल (नर-मादा), दो पाढा (नर-मादा), दो लंगूर (नर-मादा), छह मगरमच्छ (नर-मादा), दो रीसस मकाक (नर-मादा), दो लकड़बग्घा चमेली और अर्जुन, एक दरियाई घोड़ा लक्ष्मी, दो तेंदुआ मोनी और नारद, दो घोड़ा पछाड़ सांप और दो अजगर, कानपुर प्राणि उद्यान से एक दरियाई घोड़ा और 25 पक्षी, विनोद वन से मोर, तोता और विभिन्न प्रजाति की मछलियों के अलावा बंदर की दो प्रजाति सहित अन्य वन्यजीवों को यहां लाया जा चुका है। बाहर से आए सभी वन्यजीवों को सुरक्षा के मद्देनजर क्वरांटीन भी किया जा चुका है।