भाजपा अलीपुरद्वार से नये उम्मीदवार बने सुमन

स्‍थानीय बनाम बाहरी का हो रहा था विरोध, पार्टी हाईकमान ने तुरंत लिया फैसला

मावन सेवा है मेरी प्राथमिकता, क्षेत्र के विकास के लिए जी जान लगा दूंगा: सुमन कांजीलाल

अलिपुरद्वार को भारत के मानचित्र पर लाने को दूंगा मूर्तरुप, बहेगी विकास की गंगा

पत्रकारिता से राजनीतिक क्षेत्र में रखा था कदम, पाकसाफ छवि होने का मिला फायदा

पवन शुक्‍ल, सि‍लीगुड़ी

भारतीय जनता पार्टी की घोषित सूची स्‍थानीय बनाम बाहरी की लडा़ई का दंश झेल रही भाजपा ने अंतत: अलीपुरद्वार विधानसभा सीट पर अपने प्रत्‍याशी बदलते हुए पत्रकार सुमनकांजी लाल को अलीपुरद्वार विधानसभा सीट से अपना नया उम्‍मीदवार घोषित किया है। सूची जारी होने के बाद स्‍थानीय भाजपा के कार्यकार्ता और स्‍थानीय लोगों ने घोषित प्रत्‍याशी आशिक लहड़ी को उम्मीदवार बाहरी होने का विरोध किया। स्‍थानीय लोगों के विरोध स्‍वर फूटने के कारण भाजपा ने अंतत: सुमनकांजी लाल को नया प्रत्‍याशी बनाया है। मालूम हो क‍ि 16 मार्च भाजपा ने दूसरे चरण में उम्मीदवारों की सूची प्रकाशित होने के दो दिनबाद ही अलीपुरद्वार के उम्मीदवार को बदल दिया। गुरुवार को, बीजेपी के जिला महासचिव सुमन कांजीलाल को आशिक लाहिड़ी की जगह अलीपुरद्वार विधानसभा में सीट का उम्मीदवार घोषित किया गया।

भाजपा जिलाध्यक्ष गंगा प्रसाद शर्मा ने कहा, सुमन कांजीलाल बहुत विनम्र व्यक्ति हैं। इस बार वह साधारण चुनाव जीतकर अलीपुरद्वार विधानसभा के लोगों के लिए काम करेंगे। उन्‍होंने बताया कि  पार्टी का कुछ हिस्से में अशोक लाहिड़ी के साथ बाहरी व्यक्ति के रूप में होने का आरोप लगाते हुए लोग असंतुष्ट थे वहीं बाद में हालांकि वह समस्या हल हो गई। सुमन कांजीलाल स्थानीय लोगों का ध्यान रखने के लिए अलीपुरद्वार विधानसभा सीट से उम्‍मीदवार घोषित कर दिया गया है।

इस बावत पेशे से पत्रकार के बाद राजनीति के क्षेत्र में कदम कदम रखने वाले सुमनकांजी लाल अलिपुरद्वार में अपनी पत्रकारिता के माध्‍यम से लोगों के दिलों में बसे हैं। उन्‍होने बताया कि पत्रकारिता में भी जनसेवा के मुद्दों को उठना मेरी प्रथामिकता थी। अब राजनीति के माध्‍यम से समाज की सेवा करने का जो अवसर मिला है, उसे जीजीन लगाकर सार्थक करने का प्रयास करूंगा। श्री लाल ने बताया कि बंगाल का अलीपुरद्वार समस्‍त सुविधाओं से परिपूर्ण है। परंतु अफसोस विकास के मुद्दे पर आज भी पिछले पायदन पर खड़ा है। आजादी के  कांग्रेस के शासन में बंगाल बदहाल हुआ, फिर 35 वर्षो शासन में बंगाल का अलीपुरद्वार विकस से कोशों दूर रहा। उसके बाद परिर्वतन की सरकार ने पिछले दस वर्षो में जो किया दोनों सरकार के रिकार्ड को तोड़ते हुए बंगाल के अहम स्‍थान को विनाश के रास्‍ते पर खड़ा कर दिया। मैं यहां की जनता से वादा करता हूं कि अगर जनता ने अपना आर्शिवाद दिया तो इस क्षेत्र को भारत के मानचित्र पर लाने के लिए अपने  जी जीन लगा दूंगा।