दुनियां की निगाहें योगी की ओर

अंतरर्राष्ट्रीय पटल पर भी लगातार चमकती जा रही सीएम योगी की छवि

सीएए विरोध हिंसा से निपटने से लेकर कोरोना काल व राममंदिर निर्माण तक यूपी का झंडा विश्व भर में बुलंद

प्रशासनिक अनुभवों की कमी गिनाने वालों के लिए नाजिर साबित हो रही सीएम योगी

समूचित विकास से लेकर बेहतर प्रशासन कर देश भर के राज्यों के लिए रोल मॉडल साबित हो रहा उत्तर

विकास के पथ पर अग्रसर गोरखपुर : गोरखपुर में एम्स की शुरूआत, बीआरडी मेडिकल कॉलेज की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, इंसेफेलाइटिस की रोकथाम में सफलता, खाद कारखाना का निर्माण, मोहद्दीपुर-जंगल कौड़िया फोरलेन, कालेसर से जंगलकौड़िया फोरलेन, असुरन चौक से महराजंगज फोरलेन, गोरखपुर से देवरिया फोरलेन, गोरखपुर से बड़हलगंज फोरलेन, नौसड़ से पैडलेगंज सिक्स लेन, रामगढ़ ताल का सुंदरीकरण, आईओसी का बाटलिंग प्लांट, चिड़ियाघर का निर्माण, तरकुलानी रेग्युलेटर, पिपराइच के साथ बस्ती की मुंडेरवा चीनी मिल की शुरूआत, बस्ती में मेडिकल कॉलेज का संचालन, देवरिया व सिद्धार्थनगर में मेडिकल कॉलेज का निर्माण, चिलुआताल को पर्यटन केंद्र में विकसित करना सहित अन्य।

 

एसपी सिंह, गोरखपुर (उप्र)

पूर्व में सांसद और वर्तमान में सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने चार साल के कार्यकाल में उप्र में ही नहीं पूरी दुनियां में अपने कार्य को लेकर हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा चुके हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। उनकी सादगी से लेकर कुशल व्यक्त्त्वि की बात हो या फिर सख्त तेवर से लेकर कठोर निर्णय लेने की क्षमता, महज चार वर्षों में सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि संपूर्ण भारत के साथ ही पूरी दुनियां यह देख रही है। शायद इसी का नतीजा है कि बीते दिनों प्रदेश हुए में सीएए के विरोध में हिंसा करने वाले आरोपियों से ही नुकसान हुई सपंत्ति की वसूली कराना और दंगाईयों के पोस्टर सार्वजनिक स्थलों पर लगवाने का लोहा विश्व के सबसे शक्तिशाली नेता माने जाने वाले पूर्व अमेरेकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी मान चुके हैं। इतना ही नहीं बीते दिनों डोनाल्ड ट्रंप ने सीएम योगी के इस फार्मूले को अमेरिका में हुए दंगों के बाद नुकसान हुई संपत्ति की वसूली करने के लिए अमेरिका में लागू भी कर दिया था। वहीं अगर कोरोना काल से निपटने की बात करें तो भी विश्व भर का नेतृत्व कर रहे भारत के लिए भी उत्तर प्रदेश एक रोल मॉडल बनकर उभरा है। ऐसे में इन दिनों लगातार सीएम योगी की छवि अंतरर्राष्ट्रीय पटल पर भी चमकती जा रही है। वहीं, बीते 5 अगस्त को अयोध्या में श्रीराम मंदिर भूमिपूजन कार्यक्रम और मंदिर निर्माण में गति अंतरर्राष्ट्रीय पटल पर चमक रही योगी आदित्यनाथ की छवि में नया कीर्तिमान स्थापित कर रही है।

राममंदिर और योगी पर टिकीं विश्व की निगाहें

गौरतलब है कि श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर देश भर में चले सहयोग अभियान का सफल कार्यक्रम और युद्ध स्तर पर चल रहे मंदिर निर्माण का कार्य पर सिर्फ देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनियां की निगाहें इस वक्त उत्तर प्रदेश और यहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर टिकीं हुई हैं।  यह सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रयासों और उनके दृढ़संकल्प का ही नतीजा है कि वैश्विक महामारी के दौर में भी योगी सरकार इस जश्न को किसी भी दशा में फीका नहीं पड़ने दी।

रामजन्‍मभूमि आंदोलन का केंद्र था गोरखनाथ मठ

अयोध्‍या से 137 किलोमीटर पूरब में स्थित गोरखनाथ मठ ब्रिटिश काल में ही रामजन्‍मभूमि मुक्ति आंदोलन का केंद्र बिंदु बन गया था। 1935 में गोरक्षपीठाधीश्‍वर बने महंत दिग्विजयनाथ के समय में ही मठ दक्षिणपंथी राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बन गया। इसके साथ ही वह मंदिर आंदोलन के अगुआ बन गए। 1937 में हिन्‍दू महासभा में शामिल होने के बाद उन्‍होंने हिन्‍दू समाज को तेजी से राममंदिर के लिए एकजुट करना शुरू किया। उन्‍होंने अयोध्‍या में स्‍वयंसेवकों की टीम का नेतृत्‍व किया। बलरामपुर के राजा पाटेश्‍वरी प्रसाद सिंह और प्रसिद्ध संत स्‍वामी करपात्री महराज के साथ बैठक कर रामजन्‍मभूमि मुक्ति की रणनीति बनाई। उसी समय से अखिल भारतीय राम राज्‍य परिषद के बैनर तले आंदोलन तेज होने लगा। 22-23 दिसम्‍बर 1949 की रात विवादित ढांचे में रामलला के प्राक्टय के समय महंत दिग्विजयनाथ वहां मौजूद थे। उनके नेतृत्‍व में वहां कीर्तन-भजन शुरू हो गया। हालांकि उस समय की सरकार ने तत्‍कालीन जिला मजिस्‍ट्रेट को मूर्ति हटाने का हुक्‍म दिया लेकिन मजिस्‍ट्रेट ने यह कहकर मानने से इनकार कर दिया कि इससे साम्‍प्रदायिक दंगे भड़क सकते हैं।

कोरोना काल में स्थापित किया कीर्तिमान

यह उत्तर प्रदेश के हर निवासी के लिए गर्व की ही बात है कि कोरोना वायरस संक्रमण काल में भी यूपी ने तरक्की का कीर्तिमान बनाया है। दुनिया भर की अर्थव्यवस्था में आई मंदी के बावजूद उत्तर प्रदेश राज्य सकल घरेलू उत्पाद के मामले में देश का सबसे बड़ा राज्य बनकर उभरा है। इस मामले में औद्योगिक राज्यों गुजरात और तमिलनाडु को भी पीछे छोड़ दिया है। उत्तर प्रदेश, 19.48 लाख करोड़ रुपये के साथ सकल राज्य घरेलू उत्पाद के मामले में भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य बन गया है। उत्तर प्रदेश ने इस मुकाम को पाने के लिए तमिलनाडु, केरल, गुजरात और कर्नाटक को पीछे छोड़ दिया है. इससे पहले उत्तर प्रदेश 2019-2020 में पांचवें स्थान पर था। वहीं देश का सबसे बड़ा राज्य होते हुए भी कोरोना पर सबसे पहले काबू पाते हुए उत्तर प्रदेश 5.89 लाख से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण करने वाला पहला राज्य बन गया है। प्रथम चरण के 5वें सत्र में 4 फरवरी को 1,580 बूथ पर 1,25,308 स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया गया जो कि लक्ष्य 1,72,396 का लगभग 72.69 प्रतिशत है. बीते चार सत्रों में प्रदेश में 4.63 लाख से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण हुआ था। इस तरह प्रदेश में 5,89,101 स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण किया गया जो कि देश के सभी राज्यों में सबसे अधि‍क है।

गोरखपुर वाले बाबा कहे जाते सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूं ही नहीं देश भर में गोरखपुर वाले बाबा कहे जाते। यह उनके दृढ़संकल्प और पूर्ण इक्षाशक्ति का ही नतीजा है कि अभी हाल ही के दिनों में गोरखपुर के लिए यह पहला मौका था, जब 122 करोड़ की लागत वाले 177 विकास कार्यों में स्थानीय स्तर पर जनता, व्यापारियों की भागीदारी सुनिश्चित कराई गई। गोरखपुर शहर, ग्रामीण और सहजनवां विधानसभा क्षेत्र के 56 स्थानों पर शिलान्यास, लोकार्पण समारोह के सजीव प्रसारण की व्यवस्था हुई। साथ ही परंपरागत लोकनृत्य का इंतजाम किया गया। शहर का यह नजारा देखने वाला था।