पहले लाल सलाम, अब जयश्री राम

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव ने शंकर को कराया लेफ्ट से राइट

माकपा की तरह अब भाजपा कैडर की पार्टी की सेवा करने आया हूः शंकर घोष

एसएफआर्इ छात्र राजनीति की शुरूआत, अब थामा भाजपा का दामन  

न्यूज भारत, सिलीगुड़ीः  मिशन 2021 को लेकर सिलीगुड़ी में चल रहे घमासान की पटकथा का अब अंत होता दिख रहा है। छात्र जीवन से एसएफआइ की राजनीति करने वाले माकपा नेता तथा सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासनिक बोर्ड के सदस्य पद से त्यागपत्र देकर वामपंथी युवा नेता शकर घोष शुक्रवार को लाल सलाम से अब जयश्रीराम हो गए। वहीं भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व बंगाल चुनाव के प्रभारी कैलाश ने शंकर को लेफ्ट राइट करके भाजपा का ध्वज थमाकर पार्टी में शामिल कर लिया। इस कार्यक्रम के मुख्य कर्ताधार्ता भाजपा के सांसद राजू बिष्ट सह भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व भाजपा के सिलीगुड़ी सांगठनिक जिलाध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल के हाथ से भाजपा का झंडा थामा कर गेंद अपने पाले की तरफ करने की कोशिश की है।

भाजपार्इ होने के बाद वामपंथी युवा नेता शंकर घोष ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वे पिछले चार वर्ष दो माह से माकपा के अंदर खुली सांस मुश्किल था। उन्होंने बताया कि पिछले 30 वर्ष पहले जिस प्रकार छात्र राजनीति से एक कैडर की पार्टी में काम किया, और एक बार फिर से राजनीतिक कैडर की पार्टी की नीति और आदर्श के चलते उसमें योगदान किया हूं। उन्होंने कहा कि इतने वर्षो में छात्र युवा और जिला कमेटी में एक अनुशासित सिपाही के रुप में काम करते आए थे। अगर पार्टी उन्हें ऑफिस में झाडू लगाने को भी कहती थी वह उसके लिए तैयार रहते थे। तकलीफ तब होने लगी जब जब उनकी बातें पार्टी फोरम में रखते थे, लेकिन उनकी बातें सुनकर भी अनसुनी कर दी जाती थी। श्री घोष ने बताया कि पिछले चार वर्षो से पर दिल पर बोझ लेकर पार्टी में काम कर रहे थे, वहीं अपने दिल की बात किसी को बोल भी नहीं पा रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा के पूर्व अध्यक्ष स्व. अभिजीत राय चौधरी की बात याद आती थी, वह कहा करते थे दादा आप जैसे नेता की भाजपा में जरुरत है। आज उन्ही की सपने को पूरा किया हूं।  हलांकि सांसद राजू बिष्ट के रुप में मुझे एक सही मार्गदर्शक मिला, उनसे बातचीत करने के बाद मेरा हौसला बढ़ा और पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुआ। उन्होंने कहा कि लेफ्ट में रहकर हमेशा गरीबों के सपनों को साकार करने की बात सुनते आया था, लेकिन वह एक सपना था। गरीबों की पार्टी कही जाने वाली पार्टी को जब देखने का मौका मिला, तो देखा कि यहां तो बड़े बड़े उद्योगपतियों और जोतदारों की सूनी जाती है। श्री घोष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घोषित प्रकल्प को पढ़ा और समझा, मुझे लगा कि वास्तव में भाजपा गरीबों के लिए काम करने वाले है। उसकी योजनाओं से छोटे, गरीब और किसानों के साथ देश का भला होना है। उसके बाद यह कदम उठाया। पार्टी जो भी काम उन्हें सौंपती है उसके आधार पर वह अपना काम करेंगे।