रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना...

बच्चों में दिखी देशभक्ति की शक्ति

बच्चों ने गली मुहल्‍लों में पुलवामा के वीर सपूतों को किया याद, निकली मोमबत्ती रैली

पवन शुक्‍ल, सि‍लीगुड़ी

जम्मू-कश्मीर समेत देश को 14 फरवरी 2019 का दिन ऐसा घाव दे गया जिसे कभी भूला नहीं जा सकता। इस दिन पुलवामा में अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ था जो कि उड़ी से भी बड़ा था। इस हमले ने न जाने कितने परिवार उजाड़ कर रख दिए थे। यह केवल एक हमला नहीं है जो जम्मू-कश्मीर के लोगों की खौफनाक यादों में हैं, बीते कुछ सालों में हुए और भी हमले हैं जो चाहकर भी भूले नहीं जा सकते हैं।हलांकि कैमरो और पत्रकारों के बीच वीर शहीदों को याद करने के कार्यक्रमों का आयोजन तो पूरे देश में हो रहा है। पर इस की शहादत की असली तस्‍वीर आज बच्‍चों में दिखी। सि‍लीगुड़ी के हर गली मुहल्‍ले में बच्‍चों ने शहीदों की फोटो लगा जवानों की श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं रात अंधेरे में देश के जवानों को नमन करने के लिए रात शहीद जवानों की फोटो हाथ में लेकर गली मुहल्‍लों में रैली निकलते रहे। आज जहां देश पुलवामा की शहादत को याद कर रहा है वहीं बच्‍चों की इस लगन को भी शतशत नमन है।

इतनी सी बात हवाओं को बताये रखना,

रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना।

लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने,

ऐसे तिरंगे को हमेशा अपने दिल मे बसाये रखना।

बताते चले कि पुलवामा की घटना को लेकर जो वीर जवानों का जो उत्‍साह शहीदों को याद करने और श्रद्धांजलि अर्पित करने का जज्‍बा दिखा व काबिले तारिफ था। सि‍लीगुड़ी करीब करीब सभी मुहल्‍लों के छोटे छोटे चौक व चौराहों पर जवानों की फोटो और जलती हुई मोमबत्‍तीयां देखने को मिली। वहीं नौनीहालों ने हाथों में शहीदों की फोटो और जलती हुई मोमबत्‍तीयों को लेकर वीर जवान अमर रहे, भारत माता के जयकारे के साथ कही कही पाकिस्‍तान मुर्दावाद के नारे भी लग रहे थे। शहर के गांधी नगर में बच्‍चों ने जो रैली निकली वह पूरी तरह से मिडिया कवरेजे से दूर थी। बच्‍चों को ना तो किसी मिडिया में छपने या दिखाने का शौक बस एक सच्‍चे मन से भारत के वीर सपूतों को याद करने का मकसद था। इसी तरह महानंदा के किनारे बसे क्षेत्रों में भी करीब-करीब सभी चौक चौराहों पर बच्‍चों ने मोमबत्‍तीयां जला रखी थी।

वहीं दूसरी ओर आकाशवणी के पीछे बसे मुहल्‍लों के मासूमों ने सेवक रोड पर हाथों में मोमबत्‍तीयों को लेकर भारत माता की जयकारे लगाते हुए दिखे। जो आकाशवाणी होते हुए सालुगाढ़ा की तरफ जाते दिखे।   मालूम हो कि दिन था गुरुवार, तारीख 14 फरवरी 2019 यानी वैलेंटाइन डे और समय करीब दोपहर के 3.30। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर करीब 2500 जवानों को लेकर 78 बसों में सीआरपीएफ का काफिला गुजर रहा था। सामान्य दिन की तरह ही उस दिन भी सीआरपीएफ के वाहनों का काफिला अपनी धुन में जा रहा था। हालांकि, घाटी में आतंकी गतिविधियों को देखते हुए काफिले में चल रहे सभी सुरक्षाकर्मी सतर्क थे। सड़क पर उस दिन भी सामान्य आवाजाही थी। सीआरपीएफ का काफिला पुलवामा पहुंचा ही था, तभी सड़क के दूसरे साइड से सामने से आ रही एक कार ने सीआरपीएफ के काफिले के साथ चल रहे वाहन में टक्‍कर मार दी। जैसे ही सामने से आ रही एसयूवी काफिले से टकराई और जब तक सीआरपीएफ के जवान कुछ समझ पाते तब तक विस्फोटकों से लदी इस कार ने ऐसा धमाका किया, जिससे पूरा देश दहल उठा। 14 फरवरी का दिन भारत के इतिहास में काला दिन साबित हो गया।