पहाड़ों की रानी सरकारी उदासीनता का शिकारः राजू बिष्ट

विश्व धरोरह पर्यटन केन्द्र की बदहाली मामला उठा संसद में  

न्यूज भारत, सिलीगुड़ीः दार्जिलिंग हिल्स, तराई, और डुआर्स के लोगों को सरकारी योजना से वंचितता और भेदभाव किए जाने और उनके साथ हुए अन्याय को दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट ने ससंद में उठाया। संसद को श्री बिष्ट बताया कि दार्जिलिंग के गौरवशाली इतिहास के बारे में सदन को याद दिलाते हुए कहा कि, भारत में पहले स्थान पर पर्यटन स्थल के रूप में हमारे क्षेत्र की लोकप्रियता और अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा केंद्र होने के कारण दार्जिलिंग हमारे देश का गौरव था। लेकिन बंगाल की सरकारों की उदासीनता के कारण आज दार्जिलिंग बदहाल है।

उन्होंने सदन को बताया कि पश्चिम बंगाल की सरकार लगातार उपेक्षा  के कारण विश्व धरोहर पर्यटन केन्द्र दार्जिलिंग के लोग आज बेरोजगारी से पीड़ित हैं। वहीं बंगाल सरकार की सबसे बड़ी त्रासदी यह है कि 2001 के बाद से दार्जिलिंग और कलिम्पोंग जिलों के पहाड़ी क्षेत्रों में कोई पंचायत चुनाव कैसे नहीं हुए हैं। हमारे क्षेत्र में पिछले 20 वर्षों से शासन की जमीनी स्तर की व्यवस्था बदहाल रही है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में कैसे विकास होगा, इसके कारण दार्जिलिंग और कलिम्पोंग जिलों को काफी नुकसान। पर्यटन के संसाधन से संपन्न कुशल और प्रशिक्षित युवा की आबादी और आर्थिक क्षमता से भरपूर होने के बावजूद आज हमारा क्षेत्र पीड़ित है। हमारे लोकसभा क्षेत्र के युवा दिल्ली, बैंगलोर, चेन्नई और यहां तक कि विदेशी जैसे दूर के शहरों में नौकरी पाने के लिए हमारे क्षेत्र को छोड़ने के लिए मजबूर हैं। उचित शासन नहीं होने के कारणा हमारी शैक्षणिक प्रणाली जर्जर है, स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली ध्वस्त हो रही है और ग्रामीण और शहरी दोनों बस्तियों में बुनियादी ढांचा महत्वपूर्ण सीमा पार कर रहा है। इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि यह सब राजनीतिक बंदोबस्त की कमी के कारण हुआ है, मैंने केंद्र सरकार से दार्जिलिंग हिल्स, तराई और डुआर्स से लोगों की लंबे समय से लंबित मांगों के लिए भारत के संविधान के तहत स्थायी राजनीतिक समाधान खोजने के लिए प्रक्रिया में तेजी लाने का अनुरोध किया ताकि हमारे लोग भी हमारे न्यू इंडिया के वादे और क्षमता को जी सकते हैं। उक्त जानकारी दार्जिलिंग के सांसद सह भाजपा के प्रवक्ता राजू बिष्ट ने जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी है।